बुधवार, 7 फ़रवरी 2018

जीवन की किताब

जीवन में सुख दुःख के होते हैं पड़ाव
इनके दम से सबकी चलती है नाव

जिस तन लागे वही दर्द भी जाने
और कोई क्या जाने कहाँ है घाव

धूप में चलने पर अच्छी लगे छाँव
वरना कोई कैसे जाने इसका अभाव

कभी मिलती ख़ुशी कभी मिलते गम
इन पलों से भरी जीवन की किताब
@मीना गुलियानी


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