सोमवार, 26 मार्च 2018

बात यूँ सताने की

उनको आदत है दिल दुखाने की
हमको आदत है फ़रेब खाने की

जाने क्यों रूठके यूँ बैठ गए
राज़ न खोला छिपाके बैठ गए
उनको आदत है रूठ जाने की

मिन्नतें खुशामद गवारा न तुझे
मनाऊँ कैसे तू ही बता दे मुझे
बिना मनाए लौटके न जाने की

ख़ता नहीं है फिर भी मुझे माफ़ करो
मुस्कुराके अपने दिल को साफ़ करो
मान जाओ न करो बात यूँ सताने की
@मीना गुलियानी 

2 टिप्‍पणियां: