मंगलवार, 12 जून 2018

वादियों में हो जाएँ ग़ुम

नदिया के पार चलो करलें बसेरा हम तुम 
ढूँढे हमें सारा जहाँ कहीं खो जाएँ हम तुम 

ठण्डा ठण्डा पानी यहाँ भँवरे  गुनगुनाते हैं 
फूल गुलिस्तां में तो सब खुशबु लुटाते हैं 
चलो यहीं खो जाएँ होश हो जाने दो ग़ुम 

मस्त मस्त मौसम है हवा मतवाली है 
दिल मेरा झूम रहा झूमे डाली डाली है 
कितना सुकूँ है यहाँ चलते रहें हम तुम 

न रुको तुम भी कहीं न रुकें हम भी कहीं 
बढ़ते रहें हम आगे न दिखे हद है कहीं 
दोनों थामें हाथों को वादियों में हो जाएँ ग़ुम 
@मीना गुलियानी 

1 टिप्पणी:

  1. वाह वाह बहुत सुन्दर मीना जी।
    ढूंढें हमे सारा जहाँ कहीं खो जाय हम और तुम ।

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