सोमवार, 25 जून 2018

ये रिश्ता कैसा है

छलकते हुए अश्कों ने बताया दर्द कैसा है
उसकी बेरुखी ने समझाया हमदर्द कैसा है
 घमण्ड ने जताया उसके पास  खूब पैसा है
व्यवहार ने बताया उसका परिवार कैसा है
मीठी वाणी से पता चला  वो इंसान कैसा है
तल्खियत से पता चला ज्ञान कितना है
स्पर्श से पता चला कि वो व्यक्ति कैसा है
वक्त ने बता दिया कि ये रिश्ता कैसा है
@मीना गुलियानी 

5 टिप्‍पणियां:

  1. वाह बहुत सुन्दर और सही कथन।
    अप्रतिम ।

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  2. नमस्ते,
    आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
    ( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
    गुरुवार 28 जून 2018 को प्रकाशनार्थ 1077 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।

    प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
    चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
    सधन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं