सोमवार, 23 जुलाई 2018

महल नज़र आने लगी

जबसे आये वो मेरी जिंदगी में
जिंदगी खुद ही मुस्कुराने लगी

बहुत कुछ उनसे पाया है हमने
बातें सब समझ में आने लगीँ

पहले मुझसे नज़रें चुराते थे वो
फासलों में कमी फिर आने लगी

चुपके से दिल में वो समाने लगे
झोंपड़ी भी महल नज़र आने लगी
@मीना गुलियानी 

3 टिप्‍पणियां:

  1. वाह मीना जी बहुत सुंदर रचना 👌

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  2. 1 JB TUM MERE JIVN EIN HO AAYE-HEY BHGVAN जिंदगी खुद ही JGMGANE LGI


    2SB कुछ TUMHIसे पाया है हमने
    बातें सब समझ में आने लगीँ

    3पहले BHAGY HNSTA THA मुझPR
    वो CHUPKE SE SIR JHUKANE LGA

    4JIVN BDL KE MERA TUM TO GHATE MEIN HI RHE TUMHE DE SKOON KYA YH MUMKIN NHIN-ASHOK

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