शुक्रवार, 6 जुलाई 2018

अंतर्मन की छटपटाहट

पत्थर से बना है घर हर दीवार रंगीन है
इसमें रहने वालों की जिंदगी संगीन है
जो होना है वो होके  रहेगा इक दिन
पर काटे नहीं कटता हर लम्हा हर दिन

दिखने में तो यह इक महल बना है
नीँव कहाँ है  ?   किसपे खड़ा है  ?
सब देखते  इसकी बाहरी सजावट
नहीं दिखती अंतर्मन की छटपटाहट
@मीना गुलियानी 

1 टिप्पणी:

  1. अंतर्मन की छटपटाहट
    पत्थर से बना है घर हर दीवार रंगीन है
    इसमें रहने वालों की जिंदगी संगीन है
    जो होना है वो होके रहेगा इक दिन
    पर काटे नहीं कटता हर लम्हा हर दिन
    YEH TO BINA DULHA DULHN KI BARAT KE JAISA HAI.BINA BHAVNAON KE JIVN KAISA JIVN?EK DOOSERY KI KOML BHAVNAON KI SMJH NHIN.KEVL BHOTIK SUVIDHAON SE KAM NHIN CHLTA.

    दिखने में तो यह इक महल बना है
    नीँव कहाँ है ? किसपे खड़ा है ?
    सब देखते इसकी बाहरी सजावट
    नहीं दिखती अंतर्मन की छटपटाहट
    2THEEK KAHA.BAHRI SJAVT JIVN KI NEENV NHIN HOTI.SB KHOKHLA HOTA HAI.KVITA KA SAARANSH BAHUT HI ACCHA HAI.ACCHEY VICHAAR.-ASHOK
    @मीना गुलियानी

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