शनिवार, 18 अगस्त 2018

जुदा न कर पाऊँ

कैसे तुझे मैं अपने दिल से भुलाऊँ

बसते हो तुम दिल की गहराईयों में
हर बात में तेरा जिक्र कैसे न लाऊँ

तुम तो मौसम की तरह बदल जाते हो
फिर भी खुद के साये से लिपटा पाऊँ

तेरा वजूद ऐसे  जर्रे जर्रे में है समाया
तेरा अक्स खुद से जुदा न कर पाऊँ
@मीना गुलियानी


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