मंगलवार, 28 अगस्त 2018

मिलेगा मुकाम

ऐ दिल कहाँ खोई तेरी मंजिल
जीवन पथ में छाया अंधियारा है
रोशनी का है ना नामो निशाँ
कैसे ढूँढे  है  धुआँ ही धुआँ

खुशियाँ जाने कहाँ खो गई हैं
सदियों से राहें भी वीरां पड़ी हैं
डगमग सी डोले है नैया तेरी
कैसे खोजेगा तू अपना मकां

हर पल गम के फैले हैं साये
सब हुए बेगाने जो थे हमसाये
सब हुए अपने भी अब पराये
न खो हौंसला तो मिलेगा मुकाम
@मीना गुलियानी 

2 टिप्‍पणियां:

  1. हौसला ही ज़िन्दगी की सबसे बड़ी ताक़त है
    हौसला बड़ीं से बड़ी मुश्किलों का हल निकल देता है ।

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