शनिवार, 4 अगस्त 2018

दिल पर तू खाए बैठा है

क्यों तू नज़रें झुकाए बैठा है
ऐसा क्या  राज़ छुपाए बैठा है

दिल लगाना तो कोई खेल नहीं
तू क्यों दिल को लगाए बैठा है

क्या सिला मिला तुझे वफाओं का
चोट इस दिल पर तू खाए बैठा है
@मीना गुलियानी 

1 टिप्पणी: