गुरुवार, 27 सितंबर 2018

तू शान बन के जी

ओ जीने वाले तू सिर्फ इक इंसान बनके जी
धरती का बोझ बनकर न हैवान बनके जी

हो पेट जिनका खाली तू उनका पेट भर
ओ मौज करने वाले कभी उनकी ले खबर
गिरतों का बन सहारा तू इंसान बनके जी

नैया भंवर में डोले किसी की  तू पार लगा दे
हो आफत में जां किसी की तू उसको बचाले
रोते  हुए चेहरे की  तू मुस्कान बनके जी

बन अन्धों की लाठी निराशों की आस बन
भटके हुए लोगों के लिए तू प्रकाश बन
इस पावन धरा की तू शान बन के जी
@मीना गुलियानी

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