शुक्रवार, 2 नवंबर 2018

अब तो दर्श दिखा जा रे

सांझ भई घर आजा रे पिया सांझ भई घर आजा रे
तुम्हरे दर्श को तरसे नैना अब तो दर्श दिखा जा रे

तुम बिन कल नहीं पावत मोरा जियरा
तड़पत निशदिन समझत नहीं जियरा
अब तो इसे समझा जा रे

कैसे भेजूँ तुमको मैं पाती
आँसू कारण लिख न पाती
दिल को धीर बँधा जा रे

जल्दी से आओ प्रीतम प्यारे
नैनो  के दीपक बाट निहारे
अब तो दर्श दिखा जा रे
@मीना गुलियानी 

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