गुरुवार, 29 नवंबर 2018

जा चला जा उसके पीछे

ओ  चंदा तू समझ ले मत झाँक तू इधर रे
जब आएँ मोरे सैंया तभी आना तू नज़र रे

बदरी में जाके छुप जा कहीं पर्वतों के पीछे
काहे छुपके मुझे देखे तू नज़र झुकाके नीचे

ये नज़ारे प्यारे प्यारे किस काम के हैं सारे
जब  संग पिया नहीं हो बेकार सब इशारे

चुपके से आके पीछे क्यों जिया को मोरे खींचे
तुझे चाँदनी पुकारे जा चला जा उसके पीछे
@मीना गुलियानी 

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