शनिवार, 1 दिसंबर 2018

हम भी हँसे मुस्कुराएं

लगता है समुंद्र का पानी गहरा हो गया है
तेरा मेरा रिश्ता भी गहरा हो गया है
लोगों की निगाहें भी अब उठने लगी हैं
सितारों की आँखें भी झुकने लगी हैं
जुल्फों पे बादल का पहरा हो गया है

तमन्नाओं के सावन तो बरसते रहेंगे
फूल इन बहारों के महकते ही रहेंगे
गुलशन में हमेशा ही बहारें रहेंगीं
जिंदगी  का हर पल सुनहरा हो गया है

यादों से कोई कहदो अब वो लौट जाएँ
तमन्ना से कहदो वो महफ़िल सजाएँ
गुज़रे वो पल लौट आये हैं अब तो
चलो थोड़ा सा हम भी हँसे मुस्कुराएं
@मीना गुलियानी 

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