शनिवार, 29 दिसंबर 2018

दीदार करता हूँ

तुमसे मिलकर ख़ुशी है मिल जाती
मैं तुम्हें अब भी याद करता हूँ

तुम्हें ख़्वाबों में देखता हूँ अक्सर
बिन तेरे मैं बहुत उदास रहता हूँ

सोचता हूँ गुज़री ये जिंदगी कैसे
तुझपे मैं जां  निसार करता हूँ

तुम बिन जिंदगी वीरान है मेरी
दिल के आईने में दीदार करता हूँ
@मीना गुलियानी 

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