सोमवार, 30 सितंबर 2019

सहा न जाए

अब ज़िन्दगी में बची है सिर्फ तन्हाई
मुझे यह डर है कहीं हो न जाए रुसवाई
बिना तुझसे मिले जिया भी न जाए
आँखों ने भी देखो ग़म में आँसू बहाए
दर्द ये दिल का हम अब किसको बताएं
मुझसे अब बिल्कुल भी सहा  न जाए 
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें