माँ बाप बेटी को पाल पोसकर
दिल पर पत्थर रखकर उसे
परायों को सौंप देते हैं उसे ये
शिक्षा देते हैं दोनों घर की लाज
बेटी को ही रखनी पड़ेगी बेटे से
माँ बाप को कोई अपेक्षा नहीं होती
बेटा शादी के बाद पराया हो जाता है
बेटी पराये घर जाकर भी मायके के
बारे में दुःख सुनते ही बागी आती है
बेटा पास होकर भी बेखबर होता है
बेटी को पराया धन मत समझो
उसे भी प्यार दो ,शिक्षा दो ,उसे
स्वावलम्बी बनाओ ताकि समय
आने पर परिवार का ध्यान रखे
खुली हवा में उसे भी जीने दो
@मीना गुलियानी
दिल पर पत्थर रखकर उसे
परायों को सौंप देते हैं उसे ये
शिक्षा देते हैं दोनों घर की लाज
बेटी को ही रखनी पड़ेगी बेटे से
माँ बाप को कोई अपेक्षा नहीं होती
बेटा शादी के बाद पराया हो जाता है
बेटी पराये घर जाकर भी मायके के
बारे में दुःख सुनते ही बागी आती है
बेटा पास होकर भी बेखबर होता है
बेटी को पराया धन मत समझो
उसे भी प्यार दो ,शिक्षा दो ,उसे
स्वावलम्बी बनाओ ताकि समय
आने पर परिवार का ध्यान रखे
खुली हवा में उसे भी जीने दो
@मीना गुलियानी
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