शनिवार, 21 सितंबर 2019

इतने टूट गए

शरारत ज़िन्दगी ने की थी
तुम क्यों इससे रूठ गए
कयामत  हम पे गुज़री थी
तुम क्यों इतने  टूट गए
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें