बुधवार, 11 सितंबर 2019

विलीन होती है

तेरे मुताबिक़  हो तो नहीं सकती  दुनिया 
जीवन के सपने और हकीकत दोनों 
दो किनारों के समान हैं  जीवन की नदिया 
की धारा इठलाती बलखाती चलती रहती है 
 अंत में ये नदिया सागर में विलीन होती है 
@मीना गुलियानी 

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