आँखों का ही भ्रम था
तू मुझमें बहुत कम था
यकीं दिल को नहीं होता
शायद ये मेरा वहम था
मेरी वफ़ा में कुछ कमी न थी
तेरे इरादों में कोई ख़म था
ज़ज्बात हमारे जग ज़ाहिर हैं
तेरी साजिशों का मुझे ग़म था
@मीना गुलियानी
तू मुझमें बहुत कम था
यकीं दिल को नहीं होता
शायद ये मेरा वहम था
मेरी वफ़ा में कुछ कमी न थी
तेरे इरादों में कोई ख़म था
ज़ज्बात हमारे जग ज़ाहिर हैं
तेरी साजिशों का मुझे ग़म था
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें