हमें अपने तन मन को
सजाकर रखना पड़ता है
उसी प्रकार जैसे घर को
सजाकर रखना पड़ता है
तन की सुंदरता भी यदि
मन सुंदर है तो निखरेगी
अत: ऊपरी चमक गौण है
आन्तरिक सुंदरता को ही
निखारने की आवश्यकता है
@मीना गुलियानी
सजाकर रखना पड़ता है
उसी प्रकार जैसे घर को
सजाकर रखना पड़ता है
तन की सुंदरता भी यदि
मन सुंदर है तो निखरेगी
अत: ऊपरी चमक गौण है
आन्तरिक सुंदरता को ही
निखारने की आवश्यकता है
@मीना गुलियानी
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