चाँद तू कितना ही खूबसूरत है
पर मेरे पिया के आगे फीका है
तू हर दिन घटता बढ़ता रहता है
उनका रूप तो निखरा रहता है
तू गगन विशाल में दूर रहता है
वो हर पल मेरे दिल में रहता है
तुझको हम दूर से सिर्फ देखते हैं
लेकिन हम सुख दुःख बाँटते हैं
तू विरह की अग्नि जलाता है
वो हर पीड़ा को ही मिटाता है
तू तो सिर्फ रात को दिखता है
मेरा पिया से गहरा रिश्ता है
उनके बिन मुझे चैन न आता है
सिर्फ पिया ही मुझको भाता है
@मीना गुलियानी
पर मेरे पिया के आगे फीका है
तू हर दिन घटता बढ़ता रहता है
उनका रूप तो निखरा रहता है
तू गगन विशाल में दूर रहता है
वो हर पल मेरे दिल में रहता है
तुझको हम दूर से सिर्फ देखते हैं
लेकिन हम सुख दुःख बाँटते हैं
तू विरह की अग्नि जलाता है
वो हर पीड़ा को ही मिटाता है
तू तो सिर्फ रात को दिखता है
मेरा पिया से गहरा रिश्ता है
उनके बिन मुझे चैन न आता है
सिर्फ पिया ही मुझको भाता है
@मीना गुलियानी
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