सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

अक्स अधूरा है मेरा

आईना तो हमारे मन का दर्पण है
जैसी हमारी मन:स्थिति होती है
वैसा ही अक्स हमें उसमें दिखता है
हम आईने से झूठ नहीं छिपा सकते
क्योकि मन में ही ईश्वर रहते हैं
मन सच का साथी है बुराई का नहीं
अपनी कमी को सुधार सकते हैं
 अपने जीवन में प्रकाश ला सकते हैं
हमें यही कोशिश करनी चाहिए कि
इस आईने पर धूल न जम पाए
नहीं तो अक्स अधूरा ही दिखेगा
स्वयं के दुर्गुणों का जब अंत करेंगे
तभी अपना पूरा अक्स देख पायेंगे
@मीना गुलियानी


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