रविवार, 1 मार्च 2020

फूल खिलेंगे

पतझड़ गया नए फूल खिलेंगे
मुरझाये पेड़ पौधे हरे भरे होंगे
बरसों के बिछुड़े प्रेमी फिर मिलेंगे
तन मन अपना वो रंग में रंगेंगे
आया है फागुन पिचकारी भरेंगे
घोटेंगे भांग और चंग भी बजेंगे
कान्हा जी के रंग में सब रंगेंगे
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें