गुरुवार, 5 मार्च 2020

तरस गए हम तो

तरस गए हम तो
तेरे मीठे बोल को
तेरे झुके नैन को
तेरी शीतल सैन को
कोयल की कूक को
पपीहे की पी पी को
मोर के नृत्य को
भँवरे की गुनगुन को
बांकी चितवन को
गाँव की होली को
बरसाने की टोली को
रंगों की बौछार को
कान्हा के प्यार को
चंग की थाप को
आके दर्श दिखाओ
दिल की तृषा बुझाओ
@मीना गुलियानी 

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