बुधवार, 6 मई 2020

वापसी - एक कहानी

नीतू आज बहुत खुश थी क्योंकि वो अपने देश वापिस आ रही थी।   यह निर्णय उसने सोच समझकर लिया था।  पहले वो अपनी मनमर्जी से गई थी पर अब उसे अपनी गल्तियों का  एहसास हो गया था कि रुपेश ने कितना झूठ बोलकर उससे सम्पर्क स्थापित किए।  वो भी कितनी पागल थी जो उसका प्रेम समझकर कोर्ट में जाकर अपनी ही इच्छा से उसके साथ शादी भी कर बैठी।   जबकि उसके माता जी पिताजी ने एक अच्छा सा वर उसके लिए तलाश किया था जिसको उसने ठुकरा दिया था कि उसका स्टेट्स  हमसे कमतर है। 

रुपेश ने शादी के बाद उसका सारा जेवर पैसा हड़प लिया और खाने के लिए भी मोहताज कर दिया तब उसे उसकी हकीकत का पता चला कि दुबई में तो रोज़ी से उसने पहले से ही शादी कर रखी थी।   नीतू से तो सिर्फ उसका पैसा लूटने की नीयत से शादी की थी।     ये सब देखकर नीतू एकदम भौचंकी रह गई।   भाग्य ने भी क्या खेल दिखाया।   खैर ये तो गनीमत हुई कि नीतू की जल्दी ही आँखें खुल गईं। उसने आने से पहले एक वकील से मुलाक़ात की और अपने तलाक के कागज़ बनवा लिए वकील ने उसे आश्वासन दिया कि उसके पेपर ठीक हैं और वह रुपेश से हस्ताक्षर करवाकर एक प्रति उसको भिजवा देगा। फिर  उसने आने से पहले अपनी माता जी से पूरी बात की। उनको भी एकदम धक्का लगा। उसकी  माता जी ने कहा बिटिया तुम घबराओ नहीं हम तुम्हारे  साथ हैं।   तुम अपने देश वापिस आ जाओ।   हम तुम्हारी शादी दुबारा से करवा देंगे।   अभी कुछ भी नहीं बिगड़ा है।   सब ठीक हो जायेगा।

नीतू ने भारत आने के लिए अपनी टिकिट  बिना रुपेश को बताए बुक करवा ली और अपने देश पहुँचकर उसे  फोन पर बता दिया कि मैं अब अपने देश अपनी माता जी के पास आ गई हूँ दुबारा कभी  न लौटने के लिए। यही उसका प्रायश्चित था।
@मीना गुलियानी 

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