तुम भी तो कभी कुछ कहते नहीं
चुपचाप मौन तमाशा देखते हो
ऐसे भला कब तक कोई सहेगा
अपना मौन व्रत अब भंग करो
बहुत अन्याय हम पर हो चुका
अब तो आर या पार जाना है
तुम अपनी बाहो में पतवार थामो
उस पार मुझे साथ लेकर चलो
@मीना गुलियानी
चुपचाप मौन तमाशा देखते हो
ऐसे भला कब तक कोई सहेगा
अपना मौन व्रत अब भंग करो
बहुत अन्याय हम पर हो चुका
अब तो आर या पार जाना है
तुम अपनी बाहो में पतवार थामो
उस पार मुझे साथ लेकर चलो
@मीना गुलियानी
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