शनिवार, 9 मई 2020

कोशिश - कहानी

जीवन में हर व्यक्ति को कभी न कभी उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।  मेरी कहानी में एक अनीता नाम की लड़की के जीवन में भी एक हादसा हुआ जिसका मुकाबला उसने हिम्मत और परिश्रम से किया।  अनीता एक  मेधावी लड़की थी जो दसवीं कक्षा में पढ़ती थी।   पढ़ाई के अलावा उसकी रूचि खेल कूद में भी थी।  उसे कितने ही  मैडल मिले थे जो उसने खेल कूद में जीते थे।  एक बार जब वो अपनी स्कूटी से घर लौट रही थी तो एक कार ने उसे साइड से टक्कर मारी।  उसकी स्कूटी एकदम से पलटी खा गई और वो गिरते ही बेहोश हो गई।  सड़क पर चलते राहगीरों ने एम्बुलेन्स द्वारा उसे अस्पताल पहुँचाया।  उसके स्कूल बैग में घर का फोन नंबर मिलने पर घर पर फोन कर दिया तो उसके पिताजी तुरन्त ही अस्पताल पहुँच गए।  उसकी एक टांग में रॉड डालनी पड़ी।   सभी सहेलियों तथा शिक्षकगणों को पूरी हमदर्दी थी  वो उसको देखने अस्पताल भी आये थे।  रॉड डलने की वजह से लगभग एक माह तक वो स्कूल नहीं जा पाई।  उसका व्यवहार सबके साथ बहुत अच्छा था।  शिक्षकगणों ने उसकी पढ़ाई में हर्ज़ न हो इसलिए कुछ नोट्स भी घर पर पढ़ने के लिए दिए।

उसने बड़ी लगन से पढ़ाई बिस्तर पर लेटे लेटे ही की।  टांग के लिए भी डाक्टर ने कुछ फिजियोथेरेपी करवाई थी उसे फिर घर पर निरन्तर अभ्यास करने से उसकी टांग  भी धीरे धीरे चलने फिरने के काबिल हो गई। घर के सभी सदस्यों ने उसका हौंसला बढ़ाया।   अब उसकी परीक्षा का समय भी पास आ गया था।   उसकी कोशिश आखिर रंग ले ही आई।   उसने प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास कर  ली।   शिक्षकगणों को भी उस पर बहुत नाज़ था कि  तमाम मुश्किलों के बावजूद उसने हार नहीं मानी और सफलता उसके चरण चूम रही थी।   खेल कूद में भी उसको ट्रॉफी मिली थी।   इससे यही सबक सबको मिलता हे की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
@मीना गुलियानी 

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