मंगलवार, 9 जून 2020

मेरे बस में नहीं

मेरे बस में नहीं करते रहना इंतज़ार
क्या मालूम कब बरसे बरखा बहार
गगन पे बादल छितराये बरसें अपार
आओ भीग जाएँ हम बरसे फुहार
आई रिमझिम लेके सपने हज़ार
@मीना गुलियानी 

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