मंगलवार, 2 जून 2020

सागर के बीच में

 चलो आशियाना बनायें 
सागर के बीच में
लहरों के साथ
अठखेलियाँ करें
आओ झूमें नाचें गायें

गगन सितारों से भरे
धरा चूनर ओढ़े
दुल्हन सी सजे
चंदा की चाँदनी आये
हमको वो झूला भी झुलाये

रिमझिम बारिश की रात
तेरा और मेरा साथ
हाथों में हों हाथ
कभी छूटे न साथ
गीत मधुर मिलन के गायें

दूर बरगद का पेड़
नाचता जहाँ मोर
चंदा को देखे  चकोर
खुशियाँ चहुँ ओर
सागर के बीच में तराने गायें
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें