मंगलवार, 16 जून 2020

थोड़ा थोड़ा करके ही

थोड़ा थोड़ा करके ही
ये घट भी भरता है
जीवन में रस भरता है
थोड़ा थोड़ा करके ही
धन संचय होता है
थोड़ा थोड़ा संयम से
फिर खर्च होता है
रिश्तों में प्यार बढ़ता है
थोड़े परिश्रम से फिर
मानव आगे बढ़ता है
जीवन का रथ थोड़ा
आगे फिर बढ़ता है
@मीना गुलियानी 

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