रविवार, 14 जून 2020

दिन नया निकलता है

दिन नया  निकलता है
वक्त फिर बदलता है
ग़मों की धूप के बाद
सूरज ये ढलता ही है
सुबह सूरज की रश्मि
को साथ लेकर ये दिन
फिर नया निकलता है
वक्त कभी रुकता नहीं
ये हमेशा चलता ही है
अवसादों को चीरकर ये
दुःख फिर पिघलता है
सुख का दिन निकलता है
@मीना गुलियानी 

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