दिन नया निकलता है
वक्त फिर बदलता है
ग़मों की धूप के बाद
सूरज ये ढलता ही है
सुबह सूरज की रश्मि
को साथ लेकर ये दिन
फिर नया निकलता है
वक्त कभी रुकता नहीं
ये हमेशा चलता ही है
अवसादों को चीरकर ये
दुःख फिर पिघलता है
सुख का दिन निकलता है
@मीना गुलियानी
वक्त फिर बदलता है
ग़मों की धूप के बाद
सूरज ये ढलता ही है
सुबह सूरज की रश्मि
को साथ लेकर ये दिन
फिर नया निकलता है
वक्त कभी रुकता नहीं
ये हमेशा चलता ही है
अवसादों को चीरकर ये
दुःख फिर पिघलता है
सुख का दिन निकलता है
@मीना गुलियानी
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