बुधवार, 27 मार्च 2024

bhent - 2

 दस मैथों होया की कसूर क्यों कीता चरणां तों दूर 


माँ ते पुतर दियाँ लखां गलां होन्दिया 

हो गइयाँ माँ भाँवे कई होर गलतियाँ 

रवांगा मैं  बणके तेरी अखियाँ  दा  नूर 


नहीं जो निभाणा सी ते प्रीत काहनू लाई ऐ 

छड हुण सारे गिले तोड़  निभाइये 

कित्थे कित्थे धक्के ख़ाके  होया मैं तां चूर 


तेरियां जुदाइयाँ हुण साहियाँ नहीं जांदियाँ 

सालां दियां आसां  साथों लाईयाँ नहीं जांदियाँ 

तू मेरी मैं तेरा दाती सुण लै अर्ज ज़रूर 



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