सोमवार, 8 अप्रैल 2024

bhent----15

 ओ झण्डेवाली आओ मैंने तुझे पुकारा 

तेरे सिवा जहाँ में कोई नहीं हमारा 


आके हाल मेरा देखो कितने ही  दुःख हैं झेले 

दुनिया की भीड़ में भी हम रह गए अकेले 

सुलझा दो मेरी उलझन दुनिया के गम का मारा -----


तेरे बिना जहाँ में अब कौन माँ सुनेगा 

कौन हाथ मेरा पकड़े कौन आसरा माँ देगा 

पलटा दो मेरी किस्मत चमके मेरा सितारा ----------


बिगड़ी मेरी बनाओ नैया मेरी बचाओ 

पतवार थाम लो तुम भव पार तुम  लगाओ 

मंझधार सामने है सूझे नहीं किनारा -----------------


सबने किया किनारा बैठा हूँ  बेसहारा 

खाई जहाँ की ठोकर फिरता हूँ मारा मारा 

अब तूम गले लगाओ मुझे आसरा तुम्हारा -------



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें