शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-18 (Gurudev Ke Bhajan-18)




आ जाओ बाबा बुलाएं तुमको सदा ये दर पे लगा रहे है
न देर करना पुकार सुनलो चरणों में सिर हम झुका रहे है

तुम सुन लो विनती अगर हमारी , होगी मेहरबानी ये तुम्हारी
तुम्हारे चरणों की धूल लेके , नसीब अपना जगा रहे है


लगे जो ठोकर हमें बचाना , शरण में  अपनी हमें लगाना
तेरी शरण में हम आके बाबा ,बिगड़ी अपनी बना रहे है


शरण में लेना गले लगाना तुम कभी न  हमें  ठुकराना
ठोकर ज़माने की खाके हम तो , दुनिया से घबरा रहे  है   

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