गुरुवार, 14 मई 2015

गुरुदेव के भजन-286 (Gurudev Ke Bhajan 286)




तुम्ही तन हो मेरे तुम्ही मन हो मेरे तुम्ही आत्मा हो 
तुम्ही मेरा सुर हो तुम्ही गीत मेरे तुम्ही साधना हो 

जिधर देखती हूँ उधर तुम ही तुम हो 
मेरे मन की वीणा की हर तार तुम हो '
जपे नाम तेरा ये सांसो की सरगम तुम्ही देवता हो 

हर इक शय में तुम हो ख्यालो में तुम हो 
तुमसे है कुदरत करिश्मा भी तुम हो 
तुम्ही से है जीवन तुम्ही अंत मेरे दाता तुम्ही हो 

न शिकवा है कोई न  शिकायत है मेरी 
करूँ  मै तो हरदम इबादत ही तेरी 
तुझपे भरोसा तुझपे यकीं है अपने तुम्ही हो 


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