रविवार, 18 सितंबर 2016

भजनमाला --------133

मन की आँखे खोल रे हरि दर्शन होंगे 
आसन से मत डोल रे हरि दर्शन होंगे 

इस घट भीतर काशी मथुरा 
अनहद बाजे ढोल रे 

इस घट में सब जगत पसारा 
जीवन ये अनमोल रे 

पी ले प्रभु के नाम का प्याला 
जीवन में रस घोल रे 

तन मन उसके करदे हवाले 
आनन्द में तू डोल रे 

जीवन उसके अर्पण करके 
सुख पाया अनमोल रे 
@मीना गुलियानी 

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