शनिवार, 23 सितंबर 2017

माता की भेंट ---05

आज दया कर मुझ पर मईया ,सुनले करुण पुकार हो
नैया फँसी मँझदार में मेरी , करदे इसको पार हो

तुम महाकाली  तुम चामुण्डा तुम ही मात भवानी हो
तुम हो दीन दुखी की पालक तुम दुर्गा महारानी हो
मम जीवन की तुम रखवाली तुम मेरी आधार हो

तेरे नाम की जोत जलाकर पापी भी तर जाते हैं
सुख पाते हैं वो जीवन में जो तेरा गुण गाते हैं
तुम ही पालक हो भक्तों की तुम देवी साकार हो

अष्ट भुजा से दुष्ट खपाकर पहनी मुण्डनमाला है
सिंह वाहिनी खड्ग धारिणी रूप तेरा विकराल है
मईया दया की दृष्टि डालो तुम आशा का तार हो
@मीना गुलियानी 

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