रविवार, 24 सितंबर 2017

माता की भेंट ---06

जगदम्बे शेरां वाली बिगड़ी संवार दे 
नैया भँवर में मेरी सागर से तार दे 

मैं अज्ञानी मैया कुछ भी न जानू 
दुनिया के झूठे नाते अपना मैं मानू 
आके बचालो नैया भव से उबार दे 

लाखों की तूने मैया बिगड़ी बनाई 
फिर क्यों हुई है मैया मेरी रुसवाई 
लाज बचाले मैया दुखड़े निवार दे 

जपूँ तेरा नाम मैया ऐसा मुझे ज्ञान दे 
नाम न भूलूँ तेरा ऐसा वरदान दे 
आशा की जोत मेरे दिल में उतार दे 
@मीना गुलियानी 

1 टिप्पणी: