सोमवार, 25 सितंबर 2017

माता की भेंट ----07

जय जगदम्बे मात भवानी दया रूप साकार
सुनो मेरी विनती  आया हूँ तेरे द्वार 

आज फँसी मंझधार बीच मेरी नैया 
तुम बिन मेरा कोई नहीं है खिवैया 
नैया मेरी जगदम्बे माँ करदो भव से पार--------सुनो मेरी विनती

महिषासुर के मान मिटा देने वाली 
रावण जैसे दुष्ट खपा देने वाली 
पाप मिटा देती चामुण्डा ले कर में तलवार ------सुनो मेरी विनती

तेरे नाम की महिमा अजब निराली है 
अपने भक्तों की करती रखवाली है 
अपने दासों की खातिर तूने रूप लिए बहु धार ----सुनो मेरी विनती

जगमग करती जोत तुम्हारी है माता 
विद्या और बुद्धि बल की तू दाता 
गाता हूँ मैं गीत तुम्हारे मैया करो उद्धार -----  ----सुनो मेरी विनती
@मीना गुल

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