गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018

खुशियों को लुटाने चले आओ

इक बार झलक दिखला जाओ
चाहे बोलो या चुपचाप रहो
नज़रों से नज़र तो मिला जाओ
जब तार दिलों के मिल ही गए
सरगम को सजाने आ जाओ
दिल का रिश्ता जुड़ा नसीबों से
घुट रहा हूँ मैं तन्हा चले आओ
मेरी जिंदगी भी मुस्कुराएगी
खुशियों को लुटाने चले आओ
@मीना गुलियानी 

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