सोमवार, 19 मार्च 2018

माता की भेंट -तूफ़ान में दिया है

बेकार सोचना है तेरे सोचने से क्या है
होगा वही जो कि तेरे भाग्य में लिखा है

तेरे रास्ते अगरचे , हैं मुसीबतों ने घेरे
माता का आसरा ले,जब तक है स्वांस तेरे
उसका ही नाम केवल, हर रोग की दवा है

उसका पता जो पूछे ,कटड़े से हो रवाना
जो सामने है पर्वत,उसपे तू चढ़ते जाना
दरबार पर पहुँच जा,माता की वो गुफा है

दुनिया की दौलतों का,झूठा है ये खज़ाना
ये महल और बंगले ,कुछ भी न साथ जाना
मत खेल ज़िन्दगी से, बेकार का जुआ है 

गर चाहते हो मुक्ति ,  माँ के चरण पकड़ लो
जीवन की नाव उसकी ,शक्ति से पार करलो
उसकी कृपा से जलता ,तूफ़ान में दिया है
@मीना गुलियानी



1 टिप्पणी:

  1. माता की भेंट -तूफ़ान में दिया है
    Bdl skti who teri zindgi teri
    Uski shrn mein aa ja
    kregi nash teri durgti ka
    Who singhvahini hai
    Who dusht nashini hai

    तेरे रास्ते अगरचे , हैं मुसीबतों ने घेरे
    माता का आसरा ले,जब तक है स्वांस तेरे
    उसका ही नाम केवल, हर रोग की दवा है

    sb jgh rhti hai woh
    usey nhin khi se aana
    Who to bina dosh ke hai
    Who us lok ki wasni hai
    Jis ant na koi

    दुनिया की दौलतों का,झूठा है ये खज़ाना
    ये महल और बंगले ,कुछ भी न साथ जाना
    bs tere krmon ko sath hai jana
    गर चाहते हो मुक्ति , माँ के चरण पकड़ लो
    जीवन की नाव उसकी ,शक्ति से पार करलो
    उसकी कृपा से जलता ,तूफ़ान में दिया है
    agnit hain roop uske
    Na luta uske naam ka khjana

    ashok

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