शुक्रवार, 22 जून 2018

मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं

मेरे मन में भावनाओं का समुद्र
हर समय उमड़ता ही रहता है
इस ज्वारभाटे को रोका नहीं जा सकता
रोकने पर अश्रुधारा के रूप में ये
प्रवाहित होने लग जाता है
इसके बहाव  पर लगाम लगाना
नामुमकिन है , टेढ़ी खीर है
वैसे तो इसके अविरल रूप से
प्रवाहित होने से मन शांत होता है
नैराश्य धुल  जाता है चैतन्य
जागृत होने पर आप जिस ओर चाहो
इसे पुन: आकृष्ट कर  सकते हो
आध्यात्मिकता ,वैराग्य,भक्ति
कहीं भी मोड़ सकते हो
जीवन की पृष्ठभूमि पर एक
नई व्याख्या लिख सकते हैं
मन के भीतर दीपक प्रज्वलित करके
गहन अन्धकार मिटा सकते हैं
मन को साधकर कुण्डलिनी को
जागृत करके मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं
@मीना गुलियानी

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