रविवार, 3 फ़रवरी 2019

अपना काम कर दिया

अपने खूने  ज़िगर की स्याही
में कलम डुबोकर हमने
भेजकर इक ख़त को हमने
चर्चा वफ़ा का सरेआम कर दिया

सोचा था घुट घुटके मरेँगे
लब सी लेंगे उफ़ न करेंगे
प्यार के रिश्ते को सबने
पर बदनाम कर दिया

तोड़के हर ज़ुल्मों की जंजीरे
क्या रोकेंगीं ये शमशीरें
ठान लिया जब डरना कैसा
हमने अपना काम कर दिया
@मीना गुलियानी 

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