क्या गिला करें किस बात पर
क्यों निगाह तुमने फेर ली
किस बात पर नाराज़ हो
क्यों हमसे बाज़ी खेल ली
क्यों निगाह तेरी बदल गई
मेरा ऐसा क्या कसूर है
दिल मेरा तड़प रहा यहाँ
वहाँ तुम भी तो हो परेशां
दिल ज़ख़्म खाये पड़ा हुआ
किसको दिखाएँ हम निशाँ
अब मान जाओ कहा मेरा
माफ़ करदो हुआ जो कसूर है
@मीना गुलियानी
क्यों निगाह तुमने फेर ली
किस बात पर नाराज़ हो
क्यों हमसे बाज़ी खेल ली
क्यों निगाह तेरी बदल गई
मेरा ऐसा क्या कसूर है
दिल मेरा तड़प रहा यहाँ
वहाँ तुम भी तो हो परेशां
दिल ज़ख़्म खाये पड़ा हुआ
किसको दिखाएँ हम निशाँ
अब मान जाओ कहा मेरा
माफ़ करदो हुआ जो कसूर है
@मीना गुलियानी
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