रविवार, 29 नवंबर 2020

वक्त नहीं गुजरता

वक्त नहीं गुजरता तेरे बगैर 

तन्हाई में तुमको याद करते 

पल बीतते रात हो कि सुबेर 

@मीना गुलियानी 











२ 





















 

जब मनवा बेपरवाह होकर जीता है

जब मनवा बेपरवाह होकर जीता है 

उसी जिंदगी को सार्थक कहते हैं 

क्योंकि उसमें कोई लाग लपेट नहीं 

ईश्वर भी उसे ठंडी छाँव में रखता है 

जिसे वो कभी जान भी नहीं पाता है 

@मीना गुलियानी  

शनिवार, 28 नवंबर 2020

जीवन प्यार का गीत है

जीवन प्यार का गीत है 

जिसे सांसों की सरगम 

पर गया जा सकता है 

मधुर संगीत को हम 

गुनगुनाकर खुश होते हैं  

@मीना गुलियानी 

वो रास्ता

वो रास्ता मेरे लिए याद रखना मुश्किल न था 

हर पगडंडी , पेड़, झरना सब जाने पहचाने थे 

धरा भी अपना रूप बदलने लगी थी हर तरफ 

हरियाली छा गई मौसम सुहाना हो गया था 

मुझे याद करना पड़ा पहली बार कब मुड़ा था  

शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

किसी का सहारा बनो

 तुम बेसहारा हो तो 

किसी का सहारा बनो 

तुमको अपने आप ही 

सहारा मिल जाएगा 

तुमको अपने आप ही 

किनारा मिल जाएगा 

when I help someone 


when I see someone

in trouble and can;t help 

शाम की उदासी में

 शाम की उदासी में 

एक फूल खिल उठा 

जिससे सुकूं मिला 

उदासी फना हुई 

दिल गुनगुना उठा 

@मीना गुलियानी 

आँखों का पानी

आजकल के दौर में 

अक्सर देखा गया है 

आँखों का पानी भी 

शायद सूख गया है  

आँखों का पानी सूख गया

दर्द को झेलते झेलते 
इतना रोये कि हमारी 
आँखों का पानी सूख गया 
@मीना गुलियानी 

नए नए ख्वाबों के दिन हैं

 नए नए ख्वाबों के दिन हैं 

उमंगों को प्रभु चरणों में 

समर्पित करने के दिन हैं 

@मीना गुलियानी 

अधूरी ख्वाहिशों के नाम

अधूरी ख्वाहिशों के नाम 
दिल को जिन्दा रखा 
सांस जब टूटने लगी 
तब तक देर हो गई थी 
@मीना गुलियानी 

गुरुवार, 26 नवंबर 2020

याद आया

याद आया फिर से वो  पुराना जमाना 

कैसा सबमें वो अपनापन था याद आया 

ऐसा लगा  हमारा बचपन लौट आया 

@मीना गुलियानी 

मन का वातावरण बदल दो

मन का वातावरण बदल दो  

इतना बोझ कब तक झेलेगा 

दुनिया में रहकर पराया क्यों 

इसे भी साथ लो घूमो फिरो 

@मीना  गुलियानी 

खुद को बनाते बनाते

 खुद को बनाते बनाते 

क्या से क्या हो गए हम 

इतने सवेंदनशील हुए 

गमगीन हो गए हम 

खुद से दूर हुए हम 

@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 24 नवंबर 2020

दर्द कम नहीं होता

दर्द कम नहीं होता  भूलने से 

यह ऐसा मर्ज़ है जो बढ़ता जाता 

जब वो दिन ज्यादा याद आते है 

हर बीते लम्हों से दर्द बढ़ता है 

समाधान हर मुश्किल का है

समाधान हर मुश्किल का है 

मुसीबत आये तो मत घबराना 

कहीं न कहीं तो सीखोगे सुलझाना 

धैर्य न छोडो वरना पड़ेगा पछताना  

आज का चाँद चमके

 आज का चाँद चमके 

काली घटाओं के बीच 

ऐसे में प्रियतमा का साथ 

और भी अच्छा लगा 

उसे देखूँ या चाँद देखूँ 

दोनों की रंगत एक है 

@मीना गुलियानी 

मन साफ रखो

मन साफ रखो किसी के प्रति भेद भाव न रखो 

चोरी, भेद भाव , दुराव ,दोस्ती के दुश्मन हैं 

भेद खुल जाने र तुम स्वयं नज़रों से गिरोगे 

जितना मन साफ़ होगा उतने ही करीब होंगे 

@मीना गुलियानी  

जिंदगी खूबसूरत है

जिंदगी खूबसूरत है जब तक तुम साथ हो 

तुम्हारे बिना ये सुनसान पड़ जाती है 

लगता हे इसे तुम्हारी लत पड़ गई है 

जो हर समय तुम्हें तलाशती रहती है 

@मीना गुलियानी 

अब भी वक्त है

अब भी वक्त है सम्भल जाओ 

नहीं तो सब तुम्हें ढूँढ़ते रहेंगे 

शराब के ठिकाने पर तम्हे 

सब हिकारत से देखेंगे 

मीना गुलियानी 

आज का चाँद

आज का चाँद चमका तो उसमें 

तुम्हारा ही रूप चमकने लगा 

 गगन तुम्हारी सुंदरता से शर्माया 

चाँद भी बादलों की ओट में छिपा  

मन साफ रखो

मन साफ रखो तभी अच्छे संस्कार पाओगे 

सर  नवाकर बड़ों के सामने आशीष पाओगे  

@मीना गुलियानी 

रविवार, 22 नवंबर 2020

अगर तुम चाहो तो

अगर तुम चाहो तो 

करीब आ सकते हो 

वरना  हमारे दरम्यां 

काफी समय से दूरी है 

जिसे मिटाना होगा 

फिर से रौनक होगी 

दिल भी झूम उठेगा 

@मीना गुलियानी 

दिल फूल है हमारा

 दिल फूल है हमारा 

अलग अलग रंगों से 

सजा है गुलशन हमारा 

हर फूल खुश है एहसास 

हमारे गम मिटाता है 

दिल में उतर जाते हैं लोग

दिल में उतर जाते हैं लोग 

कुछ आँखों में समाते हैं 

कुछ हसीन यादों में बसते हैं 

कुछ नीदें उड़ा देते हैं लोग 

@मीना गुलियानी  

शनिवार, 21 नवंबर 2020

आज का दिन

 आज का दिन मैं जी लूँ जी भर 

मनाऊँ छुट्टी न करूँ कल की फिक्र 

@मीना गुलियानी 

हासिल हो भी जाए तो क्या

हासिल हो भी जाए तो क्या 

जब सुरूर मिट गया आये साकी तो क्या 

बर्बाद तो हो ही चुके हम नशेमन से क्या 

बागबां लुट गया चंद फूलों से क्या 

@मीना गुलियानी  

बचपन के दोस्त

 बचपन के दोस्त दूर होकर भी याद आते हैं 

फूलों की तरह हमेशा खुशबु फैलाते हैं 

कभी वो  सितारा बनके जगमगाते हैं 

@मीना गुलियानी 

शुभ दीपावली

शुभ दीपावली तभी कहलाती है 

जब आसपास के गरीब लोग भी 

अपनी जरूरत पूरी कर सकें 

सबके घरों में उजाला हो सबके 

चेहरों पर हँसी झिलमिलाए

छल कपट से दूर होके मुस्कुराएं 

@मीना गुलियानी  

अंधेरों से कहदो

अंधेरों से कहदो  अब कहीं दूर जाएँ 

वक्त बदल चुका है प्रकाश को लाएं '

बदनसीबी की चादर की जगह 

प्रकाश को भीतर लाएं खुशहाली लाएं 

@मीना गुलियानी 

एक दिया तेरे नाम का

एक दिया तेरे नाम का मैंने भी जलाया है 

बाहर की सारी कटुता भूलकर तुझे पाया है  

अब तो रोज ही खुशियों की दिवाली होगी 

दिल इस बात पर कितना इतराया है 

@मीना गुलियानी 

अपनों का इंतज़ार

 अपनों का इंतज़ार हर किसी को रहता है 

बेटा अगर विदेश में हो माँ का दिल रोता है 

हर वक्त तो कोई साथ भी नहीं देता 

सिर्फ ऊपर वाले पे ही यकीं होता है 

क्यों दिल को भाये

क्यों दिल को भाये मुस्कुराना तेरा 

भंवरे ने भी सीखा गुनगुनाना तेरा 

मोर सरीखी मस्त  चाल है  ये तेरी 

तेरे दिल ने लूटा सारा खज़ाना मेरा 

दीपावली की हर खुशी तुमसे है

दीपावली  की हर खुशी  तुमसे है 

तुम पास नहीँ होते तो खुद बेमन से 

दीपावली मनाते हैं जो नागवार होती है 

गम के दरिया में डूब जाते हैं कहीं 

किनारा कहीं नहीं पाते हैं अब 

लौट आओ जिंदगी में रंग भरदो  

मिलकर निर्माण करें हम

मिलकर  निर्माण करें हम 

मेहनत करने से न डरे हम 

आशाओं के सुमन बिखेरें 

धरा पे स्वर्ग आह्वान करें हम 

@मीना गुलियानी  

बिना चाह के कुछ नहीं मिलता

 बिना चाह के कुछ नहीं मिलता 

चाह होने से ही सब मिलता है 

मानव किसी चाह होने पर ही 

उस ओर मुख़ातिब होता है 

उसे पाकर ही  वो दम लेता है 

@मीना गुलियानी 


रात बढ़ती हुई

रात बढ़ती हुई पैगाम देती है 

दिल दिमाग  को राहत देती है 

सबसे ग़ाफ़िल मंजिल पाती है 

@मीना गुलियानी 

कुछ छूट रहा है

कुछ छूट रहा है  इस जीवन पथ पर 

अपनों का प्यार दुलार सब भूल कर 

काम की तलाश में बहुत दूर जाकर 

अपना घर देश विदेश बन गया है 

चंद पैसों की खातिर छूट रहा है  

@मीना गुलियानी 

चश्मा उतार कर देखो

चश्मा उतार कर देखो 

दुनिया हसीन दिखेगी  

नहीं तो गमगीन है 

ये सारा ही संसार 

@मीना  गुलियानी 

गुरुवार, 19 नवंबर 2020

तेरी यादों के सहारे

तेरी यादों के सहारे जी रहे थे हम 

तुमने हमें किसी काबिल न समझा 

हमें सबके सामने रुसवा कर दिया 

@मीना गुलियानी  

वजह बताना

हर बात की वजह बताना जरूरी तो नहीं 

पर तुमसे कोई बात  छुपती भी नहीं 

@मीना गुलियानी 

पुरुष

तुम पुरुष होने का दम्भ भरते हो 

यह तो ईश्वर की ही देन है 

कुछ पुरुष जैसे काम भी करो 

सिर्फ नाम से ही काम मत करो 

@मीना गुलियानी  

महानता है काम से

महानता है काम से 

लोग सिर्फ नाम के लिए 

नाटक सा रच लेते हैं 

सब लोग वाकजाल में 

फँसकर तंज कसते हैं 

कभी बुध्दू भी बनते हैं  

तुमने वादा किया था

तुमने वादा किया था 

हमेशा साथ निभाने का 

एक ज़लज़ला क्या आया 

हाथ छुड़ाकर चल दिए

 @ मीना गुलियानी 

बुधवार, 18 नवंबर 2020

में खुश हूँ

में खुश हूँ मगर तुम उदास लगते हो 

किस ख़ता पर तुम खफा लगते हो 

 

तुझे हम कबसे चाहते थे

तुझे हम कबसे चाहते थे 

इस राज़ को छुपाना चाहा 

न जाने कैसे उजागर हुआ 

दुनिया ने कसूरवार कहा 

सबकी आँखों में नागवार था 

@मीना गुलियानी 

ख़्वाब नहीं देखा

ख़्वाब नहीं देखा तबसे जबसे तुम चले गए 

ऐसी भी क्या ख़ता मुझसे हुई क्यों जुदा हुए    

@ मीना गुलियानी 

सदा बेहतर होता है

 सदा बेहतर होता है 

जब भी प्रेम से देखें 

कटुता निकलती है 

प्रेम में विश्वास होता है 

जज्बात निखरते हैं 

दूरियाँ मिटती हैं जो 

दूर था वो करीब होता है 

@मीना गुलियानी 

दिल पर नज़र रखनी है

दिल  पर नज़र  रखनी है 

ये मुश्किल से मिला है 

कायनात में  सुंदर है 

 उपहार तुझसे मिला है  

@मीना गुलियानी 

नज़र रखना अपने दिल पर

नज़र रखना अपने दिल पर 

कहीं ये खो न जाए 

कहीं बेकाबू न हो जाए 

इतनी बड़ी दुनिया है 

किसी और का न हो जाए 

@मीना गुलियानी  

रविवार, 15 नवंबर 2020

एक दीया तेरे नाम का

 एक दीया तेरे नाम का हमने जलाया है 

तेरे प्यार की यादों से सुकूँ हमने पाया है 

जब भी दुःख भरी आँधियाँ बुझाने चली 

हमने उन सबसे अपने आँचल में छुपाया है 

सोमवार, 9 नवंबर 2020

इक दिया तेरी यादों का

इक दिया तेरी यादों का हम जलाते हैं 

तुम जब देखकर अनदेखा करती हो 

तुम्हारी दी हुई चोट को सहन करते हैं 

@मीना गुलियानी 


रविवार, 8 नवंबर 2020

मेरी कमनसीबी तो देखो

मेरी कमनसीबी तो देखो 

जिसके साथ चाय पीनी थी 

वो हाथ छुड़ाकर चला गया 

दुनिया में हमें रुसवा कर गया

@मीना गुलियानी