शनिवार, 13 जून 2015

आत्मनिवेदन 



अपने विषय में क्या लिखूँ बस यही कहूँगी कि मध्यम वर्गीय परिवार में जीवन -यापन हुआ मेरी माता जी एवं पिता जी ने हम तीन बहिनो  व् एक भाई के लालन - पालन के लिए संघर्षमय जीवन जिया।   माता जी का मेरे ऊपर बहुत प्रभाव पड़ा।  

उन्होंने हँसते हँसते जीवन की कठिनाइयों को  सहा एवं दुर्गा माँ  की अपार कृपा से सब सम्भव हो पाया। मैने सचिवालय पद्धति व्यवसाय में प्रशिक्षण  लिया  तथा हिन्दी साहित्य में एम  ए  किया।   माँ  की कृपा से  1971 से 2009  तक सरकारी सेवाकाल में समय देखते देखते ही व्यतीत हो गया पता भी नहीँ चला।    लिखने की प्रेरणा मुझे मेरी माता जी से ही मिली, उन्ही को समर्पित है। 



मंगलवार, 9 जून 2015

माता की भेंट - 150



मै तो आ गई मैया जी दर्शन पाने को 
मै तो आ गई मैया जी जोत जलाने को 
जय जय शेरो वाली जय जय माँ 

तेरी कृपा है  अपरम्पार ,  सारे जग पे माँ 
तेरी ममता की चले फुहार ,  सारे जग पे माँ 
मिले हर  घड़ी तेरा दुलार ,  सारे जग को माँ 
धूप जले  दीप जले , प्रेम सहित भक्त चले 
तुमको मनाने को 

देवे अन्न धन के भंडार , सारे जग को माँ 
तेरी ज्योति से होए उद्धार , सारे जग का माँ 
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार ,  सारे जग को माँ 
शंख बजे घंटा बजे , पूजन को भक्त चले 
तुझको रिझाने को 

माता की भेंट - 149

मैया इस दुनिया में गम की आग में जलते जलते 
मै तो हार गई रे  - मै तो हार गई रे 
तुझ बिन मेरा कोई  न जग में आंसू आँख से छलके 
मै तो हार गई रे  -  मै तो हार गई रे 

माया ने लूटा है मुझको कैसा ये  जीना 
लोभ मोह ने जकड़ा मुझको डूबा है सफीना 
सुख की राह  में रोज़ ही अखियाँ हाथ से मलते -मलते 
मै तो हार गई रे 

जग से नाता तोड़के मैने दुःख बड़ा पाया 
तुमसे रिश्ता जोड़ा जबसे चैन मुझे आया 
गम की भंवर में डूबी मै तो रोज़ उबरते ढलते 
 मै तो हार गई रे 

माता की भेंट - 148



मैया आ जाओ  दिखा जाओ 
तेरी राह तकत भई बावरिया 

मेरी मैया तू जल्दी आना , क्यों देर लगाई माँ ,
 माँ जगदम्बे आ जा अम्बे और न मुझे रुलाना 
जल्दी आ जाना, न अब मोहे तरसाना 
दे दे प्यार की अपनी तू छैंया

ये जग तो है झूठा सपना , न कोई यहाँ अपना माँ 
दुनिया छोड़ी तुम संग जोड़ा , मैया मैने नाता 
तुम न ठुकराना , पार लगा जाना ,
ये जग हे भूल भुलैया माँ 

माता की भेंट - 147



मैया तेरे द्वार आ गई , दर्शन तो दे दो माँ 
आओ शेरो वाली माँ - आओ जोता  वाली माँ 

अब न मुझको तरसाना ,  माँ जल्दी आ जाना 
तुझ बिन मेरी आँखे बरसे , दर्शन दिखाना 
ओ - प्रेम वाली ज्योति मैया जगमग जगने दो आओ शेरो वाली माँ 

तुझ बिन तड़पे मनवा मोरा ,  आँख मेरी रोये 
कैसे दिल को चैन  मिलेगा , दर्शन दो मोहे 
ओ - प्रेम भरे आंसू मेरी अखियो से बहने  दो आओ शेरो वाली माँ 

माता की भेंट - 146



हरदम नाम ध्या दाती दा ,  मूर्ख जग चों की लेणा 
गमा दा साथी कोई न तेरा , साथ किसे वि न देना 

कहदे  ने जो तेनु अपना , सब मतलब दे साथी ने 
ठोकर सबने मारनी तेनु, पुछना बस इक दाती ने 
जप ले नाम  महिमा तू वि , पार लगाना दाती ने 

चार दिन दा  तू है परोना , दौलत दा तू मान न कर 
तीन गज कफ़न जिस्म दा गहना , जिसते तू अभिमान न कर 
सब कुछ जाननवाला ऐ तू, सुरति नू अनजान न कर 

तेरी दुनिया विच ता दाती , दिल मेरा  घबराया ऐ 
माता मेरी तेरे दर ते,  इक दुखियारा आया ऐ 
भुल बक्शी तू मेरी माता , विषया च जन्म गवाया ऐ 

माता की भेंट - 145



तेरा दीदार चाहिए  - मेरी शेरा वाली  माँ 
तेरा उपकार चाहिए  - मेरी जोता वाली माँ 
मुझको बस तेरा  माँ - दुलार चाहिए 

मै तेरे दर्शन का भिखारी , दर्शन भिक्षा दे दो 
तेरे चरणो का हूँ पुजारी , माता भक्ति दे दो 
तेरा दीदार चाहिए ,   मेरी शेरा वाली माँ 
मुझको बस तेरा,    माँ प्यार चाहिए 

तेरे द्वार को न छोड़ूंगा ,  जान भले ही जाये 
तेरे दर्शन का हूँ प्यासा ,  कबसे आस लगाये 
तेरा दीदार चाहिए , मेरी शेरो  वाली माँ 
ममता का तेरी,   उपहार चाहिए 


माता की भेंट - 144

आओ मेरी माँ मै तैनु पुकारा 
तैनु पुकारा   -   तैनु पुकारा 

माँ पलका दे नाल , गलियाँ बुहारा -------------------- तैनु पुकारा 

रख उडीका तेरी ,  रावा निहारा ------------------------ तैनु पुकारा 

दाती श्रद्धा दे नाल , तेरा ना उचारा --------------------- तैनु पुकारा 

आ पहाड़ा वाली माँ , देवा हुलारा ----------------------- तैनु पुकारा 

माता की भेंट - 143



मुझे मैया जी तेरी आस है , तेरे दर्श की मुझको प्यास है
तेरे दर पे मिटने आये है , तेरे बिन जी मेरा उदास है

तेरे दर्श की मुझको आरजू , तेरा दर्श ही मेरी जुस्तजू
तेरा द्वार मै कैसे छोड़ दूँ , तेरे नाम की मुझको आस है

तेरा नाम मै रटती रहूं , तेरा जाप मै करती रहूँ
तेरी कृपा हो तो मैया जी , मुझे डर क्या तू मेरे साथ है

तेरी सूरत मन में बसती है , तेरे दम से ही मेरी हस्ती है 
तेरे बिन मै तो  कुछ नही, तेरे बिन क्या मेरी बिसात है 

सोमवार, 8 जून 2015

माता की भेंट - 142



तू मैया भोली है , कि भरती झोली है 
द्वारे आएंगे हम ज़रूर 
मेरा मन तुझको पुकारता 

आये मैया आये , हम तो तेरे द्वार पे 
आस पुजादो मैया , तोड़े नाते संसार के 
इंतज़ार है मैया - है मैया -तेरे दीदार का 

तूने मेरी मैया , है लाखों पापी तारे 
सुनलो मेरी विनती , हम है तेरे सहारे 
काट दो हे मैया - हे मैया  - बंधन ये जाल का 

तेरी शरण है माता , गले से तुम लगा लो 
काटो भव के बंधन ,  माँ हमे अपना लो 
आसरा है मैया - है मैया -तेरे ही द्वार का 

माता की भेंट - 141



दिल करदा ऐ माता , तेरे द्वार ते आवा मै 
तेरी जोत जगा के माँ , तेरा दर्शन पावां मै 

जग वाल्या तो माता , मै मुँह नू मोड़ लया 
महिमा सुण तेरी माँ , सब नाता तोड़ लया 
हुन कोई नही दिल दा , माँ किसनू सुनावा मै 
तेरे हुन्दया माँ मेरी दस कित्थे जावा मै 

आज बक्शो माँ मैनू , तैनू शीश झुकावा मै 
आ जाओ इक वारी , पया तरले पावा मै 
माँ कीते कर्म जेह्ड़े , ओहना तो पछतावा मै 
तेरे हुन्दया  मेरी , किसे दर क्यों जावा मै 

माता की भेंट - 140



दिल का दुखड़ा माँ सुनाने आ गया 
हाले  दिल तुमको बताने आ गया 

चर्चे तेरे नाम के दोनों जहाँ 
सुनके तेरे मै तराने आ गया 

दुनिया ने मुझपे सितम लाखो किये 
खुद को मै अब तो मिटाने आ गया 

सर पे पापो की गठिरया को लिए 
लगता है अब तो ठिकाने आ गया 

माता की भेंट - 139



तेरे द्वार कैसे आऊँ मैया ज़रा बता दे 
मंझधार में फंसी हूँ तू ही रास्ता बता दे 

घेरे हुए है मुझको रंगीन वासनाएं 
मन का नही भरोसा पल पल पे जो दगा दे 

मुझमे वो बल कहाँ है जो यहाँ तुझे बुला लू 
निर्बल को दे सहारा , भव पार तू लगा दे 

लाखो उबर गए है , तेरे नाम के सहारे 
सौलह भुजाओ वाली , मुझको भी आसरा दे 

कैसे सुनाऊँ तुमको,  अपनी करुंण कहानी 
शायद ये मेरे आंसू , सब दास्ता बता दे 

माता की भेंट - 138



दुर्गा भवानी जी दा सोहणा दरबार है 
लगी गुलज़ार है जी लगी गुलज़ार है 

लाल लाल चोला शीश छत्तर अनूप है 
जोत जगे मइया जी दी सुंदर सरूप है 
ब्रह्मा वेद पढ़े अर्जुन बना सेवादार है 

इक मन होक जेह्डा दर्शन पा गया 
प्रेम नाल श्रद्धा दी भेंट चढ़ा गया 
पूर्ण मनोरथ कर बेडा ओदा पार है 

भगत जै जै बोलदे ने लीला कैसी हो रही 
माता जी चरण च संगत खलो रही 
दर्शन दिखा माता तेरा इंतज़ार है 

माता की भेंट - 137



मैया मैया भगत पुकारे , आजा शेरा वाली माँ 
झोली अड़ तेरे दर ते खड़ा हाँ , भरदे झोली खाली माँ 

तेरी जग तो जोत निराली मात पहाड़ा वाली 
जो वी  तेरे दर ते आये , जाये कदी न खाली 
सबदि झोली भर भर भेजे , कोण गया दस खाली माँ 

छैनया दी झंकार पई आवे , भगत ने भेंटा गान्दे 
जय माँ शक्ति शेरा वाली , खूब ने पये बुलांदे 
करदी आशा पूरियां सबदी ओ जगदी रखवाली माँ 

विषया विकारा दी ठानी ने जिन्दड़ी मेरी घेरी 
ठोकरा खा खा डिग डिग के मै शरण लई माँ तेरी 
सारे जग दी सुणन वालिये , सुण ले विनती मेरी माँ 

हत्थ विच खंडा शेर सवारी लगदी कैसी प्यारी 
ध्यानू भगत दी महारानी तू , बिगड़ी खूब सवारी 
दास वि खड़ा द्वारे तेरे, तू ही बख्शन वाली माँ 

माता की भेंट - 136



हरे भरे माँ पर्वत तेरे हरी भरी हर डाल ,  दूर दूर से भक्त है आते दर्शन को हर साल 

जिस जिसको माँ तूने बुलाया , उनकी लगी कतारे
तेरे द्वार पे तेरे भक्तजन , तेरा नाम पुकारे 
जिनकी किस्मत नही खुली , वो तेरी बाट निहारे 
जिस पे कृपा हो जाये तेरी , आये यहाँ हर साल 

अजब तेरे दर का है नज़ारा , अजब बड़े है भक्त तेरे 
तेरे नाम के जयकारे से , हो जाते है मस्त बड़े 
तेरे नाम की महिमा गाये , आते जाते भक्त तेरे 
यहाँ वहाँ पर जहाँ भी देखो ,  तेरे लाल ही लाल 

माता तेरे दर से कोई ,  खाली हाथ न जाये 
राजा हो या रंक मैया जी, सबकी आस पुजाये 
तेरे नाम की शक्ति सारे ,  मन के भेद मिटाये 
आज मैया जी दर्शन देके ,  करदो हमे निहाल 

 

माता की भेंट - 135



तेरा बचडा  नीर बहाये  , आजा माँ पहाड़ा वालिये 
तैनू रो रो हाल सुनाये ,  आजा माँ पहाड़ा वालिये 

इक दासी माँ क़हदी  तैनू ,  शीश नवांदी हरदम तैनु 
तू जाने गर बचडा मैनु , बैठी दर ते झोली फैलाये  आजा माँ पहाड़ा वालिये 

जिन्द निमानी कहदी तैनु , ला सीने नाल दाती मैनु 
याद सदा रहे तेरी मैनु ,  लाड तुझ बिन कोण लड़ाए  आजा माँ पहाड़ा वालिये 

हन्जुआ दे मै हार बणावा ,  तेरे दाती चरणी चढ़ावां 
लाज रखी मै कहदी तैनु , बैठी दोनों हत्थ पसारे   आजा माँ पहाड़ा वालिये 

माता की भेंट - 134

तर्ज ---- तूने मुझे बुलाया 


जग ने मुझे ठुकराया  शेरो वालिये ,  तेरे दर पे आया शेरो वालिये 
शेरा वालिये ,  जोता  वालिये ,  मेहरा वालिये 

दुनिया ने माँ  जब ठुकराया ,  तूने ही माता हमे अपनाया 
सारे नाते छोड़के आया ,  तुझको मैने पुकारा -------------शेरा वालिये ,

ये सारा जग है तेरा सवाली,  भर्ती माता झोली खाली 
तू है माता भोली भाली ,  पलड़ा मैने बिछाया --------------शेरा वालिये ,

माता शक्ति मुझको दे दो , अपनी भक्ति मुझको दे दो 
चरणो की धूलि माँ दे दो ,  बेटा गम का सताया -------------शेरा वालिये ,

माता की भेंट - 133



तर्ज ----रमैया वस्तावैया 

नाम जब तेरा लिया , ध्यान जब तेरा किया , तूने दुःख दूर किया 

जग ने तो  माँ ठुकराया मुझे ,   तूने ही तो माँ अपनाया मुझे 
दुनिया ने तो भरमाया मुझे , तूने ही तो माँ सबसे छुड़ाया मुझे 
दिल तुझे याद करे ,माँ   फरियाद करे,  तूने दुःख दूर किया 

 मोह के जाल में , फंसके जंजाल में , घबराके माता पुकारा तुझे 
दिल मेरा माता पुकारे तुझे , तेरे बिनं कौन पार लगाये मुझे 
जाना न दूर कही , छोड़के मुझको कहीं ,  तूने दुःख दूर किया 

तेरी कृपा का सहारा मिला , डूबती नैया को किनारा मिला 
तुझसे दया की जो भीख मिली , माँ अंधे को जैसे तारा मिला 
कैसे मै दूर रहू, क्यों मै गम को सहू ,  तूने दुःख दूर किया 


माता की भेंट - 132


तर्ज;------इस भरी दुनिया में 

तेरे बिन माता मेरी, दिल को सहारा न मिला 
किसको मै हाल सुनाऊँ , सुनने वाला न मिला 

इक तेरे चरणो की धूलि की मुझे ख्वाहिश है 
सारी दुनिया है पर कोई हमारा न मिला 

तेरे चरणो के सिवा  जाऊँ कहाँ मात मेरी 
तेरे चरणो के सिवा कोई ठिकाना न मिला 

दिल मेरा गम से भरा मैया जी अब रोता है 
भंवर में डोल रहे है माँ किनारा न मिला 

कब तलक नज़रे कर्म मुझपे न माँ होगी तेरी 
शरण में ले लो मुझे कोई आसरा न मिला 

माता की भेंट - 131

तर्ज ---जीवन मे पिया 

मैया तेरे सदा हम दास रहे , चरणो में तेरे दिन रात रहें 

मैया तेरा रूप अनोखा है , ये सारी दुनिया इक धोखा है 
तेरे रूप की महिमा निराली है , मेटे जन्म जन्म का लेखा है 
मेरे मन में दर्श की प्यास रहे 

जबसे तेरी कृपा हुई मुझ पर, मैया सुध बुध मेरी गई है बिसर 
तेरे चरणो से लागे लगन मेरी, रखना तू हाथ मेरे सिर पर 
तेरी ममता की बरसात रहे 

मैया तेरी आँखों से छलका है , उस अमृत का पी लू प्याला 
करूँ अमर मैया अपना जीवन , मेरे मन में हो जाये उजियाला 
वरदान तेरा मेरे साथ रहे 

रविवार, 7 जून 2015

माता की भेंट - 130

तर्ज -----तेरा निखरा निखरा 


मेरी मैया जी का द्वारा, लगता है भक्तो को प्यारा 
मेरी माँ भोली भाली  - करे जग की  रखवाली 

मेरी माँ के हाथो में सोहे कंगन सोने के 
देखके जिनको फीके लगते रंग नगीनों के मेरी माँ भोली भाली

माँ मेरी के गले विराजे,   फूलो की माला 
कमर में करधनी नाक में नथनी झुमका है निराला मेरी माँ भोली भाली

पैरों में पायल  छमछम बाजे , वीणा के सुर जैसे 
अनहद कानो में गूंजे ऐसे,  अमृत हो जैसे मेरी माँ भोली भाली

शत्रु माँ के  रूप से डरकर,   समर से सब भागे 
माता जी के दर्श को करके सोये नसीब जागे मेरी माँ भोली भाली

हाथ में खंडा शेर सवारी , भक्तो को प्यारी 
पवन रूप हो कष्ट मिटाये , भक्तन हितकारी मेरी माँ भोली भाली

माता की भेंट - 129


 तर्ज ---तेरी दुनिया से दूर 

माँ जगदम्बे जी का नाम,  करे पूर्ण सारे  काम भक्तो याद रखना 
गाओ  इनके गुणगान , महिमा इनकी महान भक्तो याद रखना 

माता जी की महिमा जगत से न्यारी,   है प्यारी कितनी 
जो भी नाम ध्याये , माँ पार लगाये ,  है भारी  कितनी 
है भारी कितनी ,  है प्यारी कितनी 
कर देती दुःख दूर, देती शक्ति भरपूर भक्तो याद रखना 

माता का द्वारा , झूले झंडा प्यारा , दुलारा कितना 
हवा में लहराए , और मन उमड़ा जाये , निराला कितना 
है निराला कितना,  है दुलारा कितना 
देखो मैया जी का रूप.  शेर सवारी है अनूप  भक्तो याद रखना 

शेरो पे करे सवारी ,  मैया जी लगे प्यारी ,  है भोली भाली 
दुःख भक्तो के टारे , पल छिन में उबारे , है भक्तो की वाली 
है भोली भाली , भक्तो की  वाली 
माँ को भक्तो से प्यार , देती खुशियाँ हज़ार भक्तो याद रखना 

माता की भेंट - 128



आ जाओ बुलाएं तुमको माँ , तू मैया भोली भाली  है 
अब दर्शन दो न देर करो, सारे जग की माँ रखवाली है 

तेरे बिन मेरी कौन सुने,  सारा जग वैरी माता बने 
बेदर्द है माता सारा जहां 

दिल में मेरे तो आस लगी, तेरे दर्शन की मुझे प्यास लगी 
अब तो मेरे दिल की सुनले सदा 

दुनिया ने जो ताने मुझको दिए , मेरी माता हमने आंसू पिए 
अब तो आके मेरी लाज बचा 

मेरी भूले माता माफ़ करो,  बच्चा हूँ तेरा सिर हाथ धरो 
सुनले तू मेरे दिल की जुबां 

माता की भेंट - 127



द्वारे जो आये वो झोली भर ले जाए , मैया के  द्वारे से खाली कोई न जाये 

ये तो विपदा सभी की मिटाती है , खुशियाँ दोनों हाथों से लुटाती है 
आंसू पोंछे वही दुःख हरती वही  
वो तो सबकी ही आस को पुजाती है 

मेरी मैया का सबको सहारा है, सबने मैया जी तुमको पुकारा है 
दर्शन दे दो मैया , दुःख हर् लो  मैया 
मंझधार में बेडा हमारा है 

सबकी बिगड़ी माँ तूने सवारी है,   तू तो भक्तन की हितकारी है 
पापी मारे तूने कष्ट टारे तूने 
डूबती नैया पार उतारी है 

माता की भेंट - 126

देखो देखो माँ का अजब नज़ारा है ,  कैसा सुन्दर  द्वारा है 

आज माता ने भक्तो की कर लीनी सुनवाई 
अपने हाथो से भगतो की बिगड़ी बात बनाई 
सबके काज सवारे  तू माँ,   भव पार करे सबको तू माँ 
सारे  देखो फैला उजियारा है 

माता जी तुम कृपा करना दर पे तेरे  आये 
तेरे गले  में फूलो की ये  माला हम पहनाये 
मेरी माता  तू है भोली, भर देती सबकी झोली 
दुखियो की तू हमजोली-  हमजोली 
मेरी माता तू आधार हमारा है 

माता जी तेरे रूप के देखे ,  हरदम हम तो नज़ारे 
तेरे नाम की लीला गाये दर पे प्रेमी सारे 
आस पूरी करो सबकी माता, तू तो दीनो की है दाता 
तू है सबकी भाग्यविधाता -विधाता 
रूप तेरा सारे जग से न्यारा है 

माता की भेंट - 125


आजा  मेरी मैया आ,  सारे जग की खिवैया आ 
आजा तुझे पुकारूं  माँ,  तेरी बाट निहारू माँ 
मै पुकारूँ , तू आ जा 

सुन ले माँ जग की तू दाती , मेरी नाव की तू है खिवैया 
देखले आकर डोल  रही माँ,  डगमग डगमग नैया 
तू देख ज़रा 

तेरे चरणो की धूलि पा जाऊँ , जो मै भी माता 
मेरे भाग्य का भी खुल जाये, अब तो मैया इक खाता 
माँ सुनले ज़रा 

चरणो  में तेरे माता चले , गंगा की पावन धारा
तेरे दर पे माता बोले , मिलके सब जयकारा 
मैया देख ज़रा  

माता की भेंट - 124


तेरे दर आऊँ तेरा दर्श मै पाऊँ  खाली लौटके न जाऊं
 मेरी माँ----करदे मेहरबानियाँ 

तू है माता भोली,  भर देती है झोली 
मुझे पार  लगाना माँ , मेरी नैया डोली 
सुन माँ दुःख भरी कहानियां 

तेरे दर आया हूँ ,  माँ गम का सताया हूँ 
दुःख दूर करो मेरे,  जग का ठुकराया हूँ 
मेरी माँ दे दो शक्ति , करूँ मै भक्ति 
जलाऊँ जोते नुरानिया 

तेरा सहारा है ,  माँ ऊँचा द्वारा है 
तेरे भक्तो को लगता, तेरा नाम प्यारा है 
तू भव से तारे , पार उतारे 
कैसे भूले क़द्रदानिया 

माता की भेंट - 123


तर्ज ------बहारो फूल बरसाओ 

मेरी माँ अब तो आ जाओ ,  तुझे मैने पुकारा है 
मुझे तुम दर्श दिखला दो ,  तेरे बिन कौन हमारा है 

तेरे बिन माता सुध मेरी, जहां में कौन अब लेगा 
तेरा बेटा तो रो रो के माँ दर पे प्राण दे देगा 
न अब तुम देर माँ करना न जग में कोई हमारा है 

सुना है तुम तो माँ दुखियो के दुःख को दूर करती हो 
मेरी मैया हो क्यों रूठी  न नज़रे कर्म करती हो  
सुनो मेरी सदा को तुम तेरा ही मुझे सहारा है 

मै कबसे तेरी राहों में  बैठा पलको को बिछाए हूँ 
तेरी यादो के दीपक को मैया कबसे जलाये हूँ 
मैया तुम देर न करना न सूझे अब किनारा है 

मेरी सांसो की माला भी तुम्हारा नाम लेती है 
तेरे कारण तो मेरी माँ ये दुनिया ताना देती है 
न तुझको छोडू माँ मेरी छूटे जग ये सारा है 

माता की भेंट - 122


तर्ज -------बिंदिया चमकेगी 

मेरी जगजननी माँ, यूं मुझसे रूठो न 
जग ये सारा चाहे रूठे माँ 

मैने आना द्वारे तेरे , भलेन कोई  साथ चले 
गिर गिर के ठोकर खाके, मै फिर भी दर पे   आऊं 
तुझे मनाऊंगा, मै जोत जलाउंगा, झूठे चाहे रिश्ते नाते टूटे माँ 

मैने लिया सहारा तेरा,  मेरी और चाह नही 
माँ बेटे का नाता ऐसा , डोर कभी न टूटे 
मै तो आऊंगा , शीश झुकाऊँगा सारे नाते है झूठे माँ 

दुनिया ने तो माँ मुझको सताया , तू अब न ठुकराना 
ठेस लगी है दिल पर मेरे टूटे सहारे  झूठे 
मै दर तेरे आऊंगा ,दर्शन पाउँगा ,  मेरी लगन कभी न टूटे माँ 

मै गुनहगार हूँ मेरी माता , माँ भूले मेरी माफ़ करो 
मै बच्चा नादान हूँ तेरा अब न मुझे रुलाना 
 मुझे अपना लो माँ , गले से लगा लो माँ , यही विनती करू न रूठो माँ 

माता की भेंट - 121



मैया जी विनती करती हूँ , रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 
मेरी माँ तुम्हारे चरणो में  रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 

जुगनू सा बनके उजाला करूँ , तेरी जोत का माँ परवाना बनूं 
 तेरे चरणो का अमृत पीती रहूँ  रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 

तेरी कृपा से हर काम बने ,  दिल में तेरा स्थान बने 
चाहे वैरी कुल संसार बने  रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 

मेरे दिल में तेरा बसेरा हो,   दिल कभी न डगमग मेरा हो 
मुझे एक भरोसा तेरा हो  रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 

मुझे तेरी ही इक आस रहे ,  तू हरदम मेरे पास रहे 
तेरे दर्श  की माता प्यास रहे , रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 


माता की भेंट - 120



माता  जी तेरे द्वारे पर इक दुखिया अर्ज करे 
तुम बिन मेरा कोई नही जो विपदा मेरी हरे 

मेरी मैया तू है भोली भाली 
सारे जग की है रखवाली 
फिर मेरी बारी पे क्यों न 
माता ध्यान धरे तुम बिन मेरा कोई नही जो विपदा मेरी हरे 

तूने लाखों को पार उतारा 
सबकी विपदाओं को टारा 
मुझसे माता रूठ गई क्यों 
विपदा कौन हरे तुम बिन मेरा कोई नही जो विपदा मेरी हरे 

मैया भूलें मेरी बिसरा दो 
चरणो में माता अपने जगह दो 
बेटी माँ से दूर रहे 
दिल कैसे धीर धरे तुम बिन मेरा कोई नही जो विपदा मेरी हरे 

शनिवार, 6 जून 2015

माता की भेंट - 119


तर्ज -----------इस रंग बदलती दुनिया में 

मेरी दाती  मेरा तेरे बिन , दुनिया में कोई मीत नही 
तू ही मेरी सदा सहाई  बन, दुनिया की नीयत ठीक नही 

ये जग तो एक लुटेरा है 
मै  इस पे भरोसा कैसे करूँ 
तू आजा मेरी माता अब 
दुखिया को सताना ठीक नही 

यहाँ दो दिन का ही बसेरा है 
मेरे आके फद छुड़ादो तुम 
मेरी माता आके लाज रखो 
यूं हमको रुलाना ठीक नही 

माता की भेंट - 118



तर्ज -------जय जय हे जगदम्बे माता ,


 जो भी दुखिया दर पे आता , जो भी दुखिया दर पे आता
खाली जो झोली लेके आता ,  तुझसे भरा के माँ ले जाता 

जो माता तुझको पुकारे , तूने उसी के दुखड़े टारे 
विपदाओं को हरके तूने,  जोड़ा उन संग नाता 

तेरे द्वार के हम चाकर ,  द्वार पे तेरे सब है बराबर 
उसको हाथ बढ़ाके उठाये,  जो भी ठोकर खाता 

ऊँच नीच का भेद न कोई ,  पाया तेरा पार न कोई 
तेरी महिमा जग से निराली , हे जगदम्बे माता 

विनती करूँ मै लाज तू रखना,  हर पल मेरा ध्यान तू रखना 
चरणो में तेरे आके मैया , शीश ये अपना झुकाता 

,माता की भेंट - 117



 आ जा माँ,   मेरे नैन दीवाने तेरी ,  राह निहारे बड़ी देर से 

आजा मेरी मैया तुझे है पुकारा 
तेरे बिन जहां में है कौन हमारा 
देख ले आकर हाल तू मेरा  राह निहारे बड़ी देर से 

माँ गम के भंवर में डूबी मेरी नैया 
माँ पार लगाओ तू ही तो खिवैया 
देर न करना मेरी मैया  राह निहारे बड़ी देर से 

तूने हर दुखी को माँ धीर बंधाया 
बता तूने माता मुझे क्यों बिसराया 
मै हूँ तेरे दर का भिखारी  राह निहारे बड़ी देर से 

,माता की भेंट - 116



आ जा माँ तुझको पुकारे ,  नैना तो रो रो हारे 
सुनले माँ आकर दर्द मेरा 

मैया मुझको भरोसा तेरे नाम का 
तेरे बिन मेरा जीना किस काम का 
तेरी याद तो मुझे पल पल रुलाये माँ ,चैन  न आये माँ 

हुआ मुझसे जो भी कसूर माँ 
मेरा सज़दा करो मंज़ूर माँ 
बच्चा समझकर माफ़ करो माँ, पार करो माँ 

लूटा माया मोह अज्ञान ने 
माता दिया है सहारा तेरे नाम ने 
तेरा नाम ही भव से पार लगाये माँ, तुझको मनाये माँ 

,माता की भेंट - 115


भवन रंगीला उते ने बूंदा बरस रहिया
मइया दे दर्श नू अखियाँ हरदम तरस रहिया

मेरी माँ दे गल विच चुनिया ,  सबै मुरादा पुनियाँ

जदो अकबर नहर ल्याया , तेरियाँ जोता ते पाणी पाया

जदो अकबर नंगे पेरी आया, तेरा सोने दा छत्तर चढ़ाया

पंजा पांडवा ने भवन बनाया , तेरा अर्जुन झंवर झुलाया

तेरे चोले नू लगे सितारे , तेनु पूजे  सब संसार ऐ

तेरे चोले नू  लगी किनारी , तैनू पूजे दुनिया सारी

माँ उच्या पहाड़ा तेरा  वासा , माँ करदे पूर्ण आसा 

,माता की भेंट - 114


दे दर्शन अखियां तरसन ,  दे दर्शन अखियां तरसन  लाटा वालिये  माइये 
माइये कि भुल चुक माफ़ करी तेरे  आइये 

सुआ चोला अंग विराजे , चोळया वालिये माइये 

बगे शेर दी सवारी  तेरी ,शेरा वालिये माइये 

 कटड़े विच डेरा लाया ,  तेरे भगता ने माइये 

जदो आदक्वारी आये , भगत आनंद हो गए माइये 

हाथी मत्थे दी चढ़ाई बड़ी ओखी , शक्ति तू देवीं माइये

भैरो गजदा  द्वारे तेरे कि बम बम  शब्द पड़े माइये 

पंजा पांडवा ने भवन बनाया , चुन चुन कंकरिया माइये 

मै रोज़ रोज़ पई आवा कि खर्ची तू देवी माइये 

तेरे आइये ते शीश नवाइये ,  तेरे  आइये दर्शन पाइए  
माइये कि भुल चुक माफ़ करी तेरे आइये 





शुक्रवार, 5 जून 2015

,माता की भेंट - 113


सुचिया जोता वालिये फूल चम्बे दा ,
 तेरा भगत कदी न डोले पापी कमेगा 

सुचिया जोता वालिये दो तोते ने 
दे भगता नू दर्शन भगत खलोते  ने 

सुचिया जोता वालिये फुल किकरा दे 
रख चरण दे कोल कदी न  विछड़ेंगे 

सुचिया जोता वालिये फुल नही दाना 
मिठिया मुरादा बाझो दर तो नही जाना 

सुचिया जोता वाली माता प्यारी दा 
कितनी दूर है मंदिर आदक्वारी दा 

तेरी दासी तेरे दर ते आंदी ऐ 
माता जी दिया भेटा खूब गांदी ऐ  




,माता की भेंट - 112



जबसे मैया के दर्शन पाये , मनवा झूम झूम गाये 

दर्शन माता दे असा ने जाना , उसदे चरना ते शीश नवाणा 
दर्शन देके नही भुलाये , मनवा झूम झूम गाये 

अंदर गुफा दे जोटा जगदिया , उसदे भवन ते संगता जादिया 
भगत तेरा भेंटा गाये , मनवा झूम झूम गाये 

ऊँचे ऊँचे मंदिर पहाड़ ते  ,संता डेरा लाया है आन के 
मुखों जय जय बुलाये , मनवा झूम झूम गाये 

आसा कर पूरिया दासी दी ,  ,श्रद्धा से भेंट चढ़ाऊँगी 
हर साल माँ जो बुलाये , मनवा झूम झूम गाये 

माता की भेंट - 111



दयाल मेरी माई ठंडे ठंडे चोलड़े बाला नू दे दी आई 

माता मेहरबान होइ आई साड़िया गलियाँ 
मै पूजा भोणा वाली जी दी तलिया 

माता मेहरबान होइ आई साडे वेड़े 
मै पूजा भोणा वाली जी दे चेले 

माता मेहरबान होइ आई साडे बुए 
हत्थ मेहँदी रांगली और पाये सुए 

माता मेहरबान होइ आई साडे अंदर 
मै पूजा शेरा वाली जी दा मंदिर 

माता की भेंट - 110



अटके बेड़े नू करदे पार,  करदे पार भवानी 

मै माता हीन शरण तेरी आया ,
 अपना करके जान  करदे पार भवानी

औगुन बहुत कोई गुण नाही 
मेरे औगुन मन चौ विसार  करदे पार भवानी

आगे पतित अनेक उबारे 
हुन आई सेवक दी वार  करदे पार भवानी

तेरा दर छोड़ मै कड़े दर जावा 
कित्थे जाके करागी पुकार  करदे पार भवानी

सिमर चरण तेरा ध्यानू यशगावे 
चरणी लगया नू करदे पार  करदे पार भवानी 

माता की भेंट - 109



चरणो में प्रणाम मै  सौ बार करता हूँ 
दिल में माता मै तेरा दीदार करता हूँ 

मै भटकता ही फिरा दुनिया के मेले में 
साथी कोई न मिला मुझको झमेले में 
तुझसा न देखा कोई इकरार करता हूँ 

किसी ने खोटा  समझकर ठुकरा दिया मुझको 
माया ने मोहजाल में उलझा दिया मुझको 
पापकर्मों में समय बर्बाद करता हूँ 

दिल में तुझको बसा लिया है माता अब मैने 
नाम के तेरे पहन लिए है माता ये गहने 
दास तेरा हूँ मैया इज़हार करता हूँ 

माता की भेंट - 108



तेरा मेरा साथ माँ पुराना है , नाता ये प्रेम का निभाना है 

तू मेरी माँ जगत की जननी है 
तेरे चरणो में ही ठिकाना है 

तूने लाखो को भव से तारा है 
खड़ा तेरे दर पे इक दीवाना है 

मैया तेरा हमे सहारा है 
दिल तुझे भेंट में चढ़ाना है 

तेरी नज़रें खफा कभी न हो 
मुझको इनमे ही तो समाना है 

माता की भेंट - 107



तर्ज ---मेरी प्यारी बहनिया 


मेरी मैया का द्वारा लगे सबसे न्यारा , मेरी माता का सबको सहारा 
शेरो वाली का नाम है प्यारा 

मैया तेरे भवनों की शोभा है न्यारी , दर पे खड़ी है माता इक दुखियारी 
आस पुजाओ मैया शरणी लगाओ तुम , मुझको माता तेरा सहारा 

झण्डे लाल लाल देखो भवन में झूले ,  दिल भक्तो के देखो खुशियो से फूले 
पल भर में करे मैया सबको निहाल जी , सरे बोलो मैया का जयकारा 

भक्तो की मैया तू सदा ही रखवाली है , दर पे खड़े है माता लाखों सवाली है 
कृपा करो माता करदो निहाल तुम,  तुझको माता सबने पुकारा 

माता की भेंट - 106



वो खुशनसीब है जिसको तुम्हारा द्वार मिला 
नसीब चमका और चैन बेशुमार मिला 

ज़माने भर की हमने तो खाई ठोकर 
तेरी शरण में आके ज़रा करार मिला 

किये सितम जो ज़माने ने कैसे बतलाये 
मिला सकून जो मुझको तेरा दुलार मिला 

मैया जी भूलकर तुम न कभी खफा होना 
तेरे सिवा न मुझे कोई  राज़दार मिला  

 तेरी शरण हूँ मैया तुम न मुझको ठुकराना 
ज़माने भर से सिला गम  का बार बार मिला 

गुरुवार, 4 जून 2015

माता की भेंट - 105



   तर्ज --------तुम बिन सावन  कैसे बीता 

मै हूँ  माता बाल तुम्हारा , शरण तेरी आया माँ - शरण तेरी आया 
तेरे द्वार पे हाथ पसारा , शरण तेरी आया माँ 

काम क्रोध भटकाए लोभ भी बढ़ता  जाये 
तृष्णा की अग्नि में सब कुछ जलता जाये 
मुझे आसरा माता तुम्हारा  शरण तेरी आया माँ 

गम  के अँधेरे साये ,चारो तरफ से छाये 
तुझ बिन मेरी माता , मुझको कौन बचाये 
डोले नैया ,दूर किनारा  शरण तेरी आया माँ 

मनवा मोरा गाये , तेरे गीत सुनाये 
तुझ बिन  मेरी  माता कौन मुझेः अपनाये 
सिर पे है मैया हाथ तुम्हारा  शरण तेरी आया माँ 

माता की भेंट - 104

आ मेरी माँ , मै तैनु पुकारा 
 तैनु पुकारा ,    तैनु पुकारा 

माँ पलका दे नाल , गलियाँ  बुहारा ---------------- तैनु पुकारा 

रख उडिका तेरी ,  रावा निहारा --------------------- तैनु पुकारा 

दाती श्रद्धा दे नाल, तेरा ना उच्चारा ------------------ तैनु पुकारा 

आ पहाड़ा वाली माँ ,  देवा हुलारा -------------------- तैनु पुकारा 
-

माता की भेंट - 103


तर्ज -----कभी तेरा दामन 

मैया तेरे दर को न छोड़ेंगे हम ,  चाहे जमाना ढाए हमपे सितम 
मैया तेरे दर को न छोड़ेंगे हम , वहीँ मेरी जन्नत जहां तेरे कदम 

तेरे दर पे मैया आता रहूँगा ,  तेरे नाम के गुण गाता रहूँगा 
तुझको ही मैया मनाता रहूँगा , होगा कभी तो मैया तेरा कर्म
 मैया तेरे दर को न छोड़ेंगे हम 

तेरी छाँव में मैया  पलता रहूँगा ,  तेरा नाम लेके ही चलता रहूँगा 
लगेगी जो ठोकर सम्भलता रहूँगा, कभी दूर होगा मैया मेरा भी गम 
मैया तेरे दर को न छोड़ेंगे हम 

तेरी आस मैया लगाता रहूँगा ,  जोत लगन की जलाता रहूँगा 
नाम तेरे को ध्याता रहूँगा ,  टूटे न आस तेरी आया शरण 
मैया तेरे दर को न छोड़ेंगे हम 



माता की भेंट - 102



तर्ज ----हम तुमसे जुदा  होके 


मैया तेरे द्वारे पर इक दुखिया आया है 
माँ खोलो दरवाजे फरियाद ये लाया है 

दुनिया का सताया हूँ , मै तो घबराया हूँ 
माँ तुम न ठुकराना , मै जग का सताया हूँ 
आ जाओ मेरी माँ - न देर लगाओ माँ 

महिमा सुन आया हूँ , माँ आस ये लाया हूँ 
मुझे शरण लगा लेना , फरियाद ये लाया हूँ 
आ जाओ मेरी माँ - न देर लगाओ माँ 


मै बच्चा तुम्हारा हूँ , जैसा हूँ तुम्हारा हूँ 
तुझे छोड़ कहाँ जाऊँ माँ बेसहारा हूँ 
आ जाओ मेरी माँ - न देर लगाओ माँ 


तूने लाखो को तारा है , भव पार उतारा है 
अब आई मेरी बारी ,  मुझे तेरा सहारा है 
आ जाओ मेरी माँ - न देर लगाओ माँ 



माता की भेंट - 101



जयकारा बुलाते चलो , मैया को ध्याते चलो 
पूरी करेगी वो इच्छा , उसे मनाते चलो 

ये मैया आदिभवानी आदिशक्ति है 
कृपा से इसकी मिले सबको भव से मुक्ति है 
मैया के चरणो में सर अपना तुम झुकाते  चलो 

करे जो भक्ति मैया उसको पार करती है 
झोली उम्मीदों की मैया जी आप भरती है 
लगन  मैया की अपने मन में तुम लगते चलो 

सुना है मैया जी सबकी पुकार सुनती है 
मेहर से अपनी मैया निहाल करती है 
मगन हो ध्यान में गुणगान माँ का गाते चलो 

माता की भेंट - 100


तर्ज ----रुक जा ओ जाने वाली 


आजा मैया शेरा वालिये , भगतो ने तुमको पुकारा 
आजा मैया जोता वालिये , तेरा ही है मैया सहारा 

माँ अब तो आ जाओ , मेरे दिल ने सदा दी है 
मेरी बिगड़ी बना जाओ , क्यों देर लगा दी है आजा मैया शेरा वालिये ,

माँ दर्श दिखा जाओ,  भगतो ने पुकारा है 
माँ पार लगा जाओ ,   आसरा ही तुम्हारा है आजा मैया शेरा वालिये ,

नैया डोले मेरी ,  मत देर लगाओ माँ 
मै बुझता दीपक हूँ ,  तुम आके बचालो माँ आजा मैया शेरा वालिये ,

मेरे नैन प्यासे है , माँ प्यास बुझा जाओ 
मेरी विनती सुनले माँ, ऐसे तो न ठुकराओ आजा मैया शेरा वालिये ,


माता की भेंट - 99


तर्ज ----------परदेसियों से न



माँ तेरे भवन का अजब नज़ारा 
गुफा में जोत जगे चले गंगा धारा 

गुफा में विराजे , माँ शेरा वाली 
शेर सवारी उसकी, लगती निराली 
देखे जो रूप माँ का चमके सितारा 

माता की शक्ति जग से निराली 
अपने भक्तो की करे रखवाली 
डूबते हुओ को माँ ने पार उतारा 

माता की भेंट - 98



तर्ज ------बीते हुए लम्हों  की

माँ हाथ जुड़े है तेरे दरबार के आगे
न झुकेगा सर मेरा इस संसार के आगे

दिल में सदा गूंजे तेरे ही नाम की रटन
हर पल तेरे ही नाम को रटता रहे ये मन
माँ तेरी लगन के कभी टूटे न ये धागे

सांसो की डोरी को किया माँ तेरे हवाले
दे दे मुझे अँधियारे या तू कर दे उजाले
रखना तू मेरी लाज कोई दाग न लागे 

माता की भेंट - 97



बहुत याद करते है तुमको भोली माँ 
 तुमको अम्बे माँ  तुमको भोली माँ 

ऊँचे पर्वतो पर मंदिर माँ  तुम्हारा 
चढ़ाई चढ़ चढ़ के आये जग सारा 
दर्शन पाओ आज, आई भोली माँ 

द्वारे मैया तेरे हम भी आये 
इक दर्शन की आस है लाये 
बिगड़ी बनादे मेरी, अम्बे भोली माँ 

जगमग जगमग जोत है जगती 
सबको ही प्यारी मैया तेरी जोत लगती 
अन्धो को भी ज्योति देती , जोता वाली माँ 

जागरण तेरा माँ मैने कराया 
नवरात्रों में तुझको बुलाया 
सिह पर सवारी आओ , मेरी भोली माँ 

माता की भेंट - 96



मेरी मात आ जाओ तुझे दिल ढूँढ रहा है 
मुझे दर्श दिखा जाओ  तुझे दिल ढूँढ रहा है 

  तुम आओ तो ऐ माँ मेरी किस्मत बदल जाये 
बिगड़ी हुई तकदीर माँ फिर से संवर जाये 
कबसे खड़ा हूँ मै तेरी उम्मीद लगाये  तुझे दिल ढूँढ रहा है 

  इस दुनिया ने ऐ माँ मेरा सुख चैन है छीना 
मुश्किल हुआ है आज तो  दर्श के जीना 
आवाज दे मुझको माँ अपने पास बुला ले  तुझे दिल ढूँढ रहा है 

रो रो के मैया आँखे भी , देती है दुहाई 
सुनलो मेरी विपदा मैया जी कर लो सुनाई 
अब जाऊं कहाँ तुम बिन नही और ठिका है  तुझे दिल ढूँढ रहा है 

माता की भेंट - 95



तू जाणे मेरी माँ तेरियाँ तू जाणे 

कण्डया विच तू ही  हसदी ,  फुला  दे विच तू ही वसदी 
महिमा तेरी  महान  तेरियाँ तू जाणे 

तू है सारे जग दी दाता ,  जोड्या तेरे नाल मै नाता 
 दे दो भक्ति दान  तेरियाँ तू जाणे 

सो जाणे जिस खेड़ रचाई ,  की आखा उसदी वडियाई 
हारे वेद पुराण  तेरियाँ तू जाणे 

ऐ जग है  तेरी माया ,  कण कण दे विच आप समाई 
मै बालक अन्जान  तेरियाँ तू जाणे 

माता की भेंट - 94



मैनु वि द्वारे तू बुलावी शेरा वालिये , भुला सब मेरिया भुलावी शेरा वालिये 

जीवें पुतर आवे घर खटके ते शाम नू 
जिस तरह कौशल्या उडीकदी सी राम नू 
मेरिया उडीका तू लगावी शेरा वालिये 

मावा दे विछोड़े कदी सहे नही जावदे 
तेरे लाल दर्शना नू हर साल आवन्दे 
दिल दा तू दुखड़ा मिटावी  शेरा वालिये 

जदो वि नुराते तेरे हर साल आवदे 
सदरा ते चावा नाल दर्शना नू आवदे 
गल नाल अपने लगावी शेरा वालिये 

माता की भेंट - 93



माँ बुलान्दे तैनू  माला दे मनके ,  आजा माता शेरा वालिये 

सारा जहान तेरे द्वारे मत्था टेकदा 
सदरा ते चावा नाल बुआ तेरा वेखदा 
बुआ खोले ता भाग मेरे चमके आजा माता शेरा वालिये 

तेरा द्वारा छड़ दस होर कित्थे जावा मै 
किदे  दर जाके मैया पलड़ा विछावा मै 
तार दिल वाली होले  होले खणके आजा माता शेरा वालिये 

बच्चे रूस जांदे कदी रूसिया  मावा 
तेरे बाझो दस किनु दुखड़ा सुनावा 
हाल फ़ोलदे ने  हन्जु मोती  बणके आजा माता शेरा वालिये 

माता की भेंट - 92



माँ मेरी विपदा दूर करो,  माँ मेरी विपदा दूर करो 
तेरी शरण में अाया हूँ ,  आकर मेरे कष्ट हरो 

तू ही अम्बे काली है 
दुखड़े हरने वाली है 
चरण पड़े की लाज रखो  माँ मेरी विपदा दूर करो 

भक्तो ने तुझे पुकारा है 
तूने दिया सहारा है 
विनती पे मेरी ध्यान धरो  माँ मेरी विपदा दूर करो 

शरण तुम्हारी आये है 
इस जग के ठुकराये है 
पाप ताप सन्ताप हरो  माँ मेरी विपदा दूर करो 

माता की भेंट - 91



ओ दिसदा दरबार पहाड़ा वाली दा 
चल भगता कर दीदार पहाड़ा वाली दा 

दूर दूर तो संगता आइया उच्चिया लम्बिया चढ  के चढ़ाइया 
हर दिल विच वसदा प्यार  पहाड़ा वाली दा 

था था पर्वत देन नज़ारे , पत्थरा विच गुँजन जयकारे 
ऐथे होवे मंगलाचार  पहाड़ा वाली दा 

सबदे मन दी आस पुजावे , कोई न दर तो खाली जावे 
है रहमत दा  भंडार  पहाड़ा वाली दा 

होके ध्यानू वांग दीवाना ,  हस हस के दे सर नज़राना 
मन बन जा खिदमतगार  पहाड़ा वाली दा 

बुधवार, 3 जून 2015

माता की भेंट - 90



तर्ज ---ये वादा करो 

जमाना दिए जा रहा गम पे गम 
सम्भालो ऐ माँ न निकल जाये दम 

सताया गया हूँ मै संसार से , उठा लो  मुझे माँ ज़रा प्यार से 
बड़ा होगा मुझपे तुम्हारा कर्म 

मेरी नाव है डूबती जा रही ,  किनारा कही भी नही पा रही 
खत्म होने को है मेरा ये जन्म 

मुसीबत में हूँ माँ मै लाचार हूँ , तुम्हारी दया का तलबगार हूँ 
उठा तो मुझे गोद में कम से कम 

मेरा दिल मैया आज घायल हुआ , नही रास आई कोई भी दवा 
लगाओ मेरे जख्मो पे तुम मरहम 

माता की भेंट - 89



तर्ज ---जब हम जवां होंगे 

दर पे बुला माता , किस्मत जगा माता 
तेरी गुफा में बैठकर , फरियाद करेंगे , तुझे याद करेंगे 

तीर जुदाई के हम सह न पाएंगे , जल बिन मछली के भान्ति मर जायेगे 
गोदी तेरी में बैठकर दिल शाद करेंगे 

नही भरोसा कुछ भी इस जिंदगानी का, है इसकी औकात बुलबुला पानी का 
तू साथ है तो सब ग्रह इमदाद करेंगे 

भटक भटक कर दर दर ठोकर खाए हम , क्यों न  अपना जीवन स्वर्ग बनाये हम 
जो दूर माँ से है जन्म बर्बाद करेंगे 

मुझको मैया दुखो ने जो  घेरा है , मेरी रातो का  न  कोई   सवेरा है 
दुःख दूर करदे माँ तेरा धन्यवाद करेंगे 

माता की भेंट - 88



जोत तेरी पावन सच्चा तेरा द्वार 
चलके मै आया मैया तेरे द्वार दास  की सुनले पुकार माँ  - दे दीदार माँ 

जो भी बनके सवाली आये 
दर से खाली कभी न जाये 
मन में श्रद्धा लेकर आये 
वो पाये सदा तेरा प्यार  -  तेरा प्यार माँ 

तुझको पूजे ये जग सारा 
तेरा नाम है सबसे प्यारा 
दे माता अब हमको सहारा 
लाल को करदे पार -   करदे पार माँ 

दास का अपने दुखड़ा हरदे 
आशा मेरी पूर्ण करदे 
दास तेरा क्यों दर्श को तरसे 
दर पे बुला ले इक बार  -  इक बार 

माता की भेंट - 87



तर्ज -----जाने वो कैसे लोग थे 

मैया जी तेरे दर पे आके ,  दिल को करार मिला 
विषयो में भूले भटके को ,  तेरा द्वार मिला 

मोहमाया में उलझे हुए को  तूने  सुलझाया 
भटके हुए राही को माता तूने अपनाया 
तेरी कृपा से ही माता , गम से उबार मिला 

भटक चुके थे रास्ता हम तो गम की राहो  में 
टूट चुके थे दिल भी हमारे सूनी आहो में 
तूने  अपनाया हमे तो, तेरा प्यार मिला 

जीवन इक टूटा सपना था जब हमने जाना 
भूले राही ने माता तब अपना पथ जाना 
माता तेरी ममता का , मुझको उपहार मिला 

माता की भेंट - 86



मेरी मैया जी तेरा नाम लूँ 
किरपा करो सुबो - शाम लूँ 

भवन सुनहरी मैया तेरा , ऊँचा नाम है मैया तेरा 
दुनिया के सब नाते झूठे , सच्चा सहारा माँ इक तेरा 

जग के धन्धो से माँ छुड़ाना ,  हर आफत से माता बचाना 
मुझको माता शरण लगाना, बिगड़ी बात को आप बनाना 

मन की मुरादे तुमसे पाऊँ , दिल में प्रेम की जोत जलाऊँ 
करना कृपा मैया जी मुझ पर,, इक पल भी न तुझे बिसराऊँ 

शेर सवारी लगती प्यारी , ध्यानू भगत की बिगड़ी सवारी 
तेरे दर पे खड़ी दुखियारी , सुनले मेरी मात प्यारी 

माता की भेंट - 85



आ जा माँ मेरे नैन दीवाने तेरी,  राह निहारे बड़ी देर से 

आजा मेरी मैया तुझे है पुकारा ,
तेरे बिन जहाँ में है कौन हमारा 
देखले आके हाल तू मेरा , राह निहारे बड़ी देर से 

माँ गम के भंवर में डूबी मेरी नैया 
माँ पार लगाओ तू ही है खिवैया 
देर न करना मेरी मैया , राह निहारे बड़ी देर से 

तूने हर दुखी को माँ धीर बंधाया 
बता तूने माता मुझे क्यों बिसराया 
मै हूँ तेरे दर का भिखारी , राह निहारे बड़ी देर से 

तुझे ही तो मैया अपना मैने माना 
हूँ सारे जहाँ से माता मै बेगाना 
,मै तो मैया शरण तिहारी , राह निहारे बड़ी देर से 

माता की भेंट - 84



सुनले पुकार आई आज मैया तेरे द्वार 
लेके सधरा दे हार जोता वालिये 

छड्के जहान मै ते आई तेरे द्वारे 
दुखिया नू मैया आके दे दे सहारे 
खड़ी  अड़ झोली मैया खैर तू पा दे 
डुब जाये न बेडा आके पार लगा दे 

आसरा ऐ तेरा मैया तेरा है सहारा 
चमकेगा मेरा दस कदो माँ सितारा 
बैठी जगदम्बा तेरी जोत जगाके 
कदो माँ दिखावेंगी दर्शन तू आके 

माता की भेंट - 83



मेरी मात आओ तुम बिन , मेरा नही सहारा 
दर्शन दिखाओ मुझको , दिल ने तुझे पुकारा 

आके हाल मेरा देखो , दुनिया के दुःख है झेले 
तेरे बिना जहाँ में , रोते है हम अकेले 
म मुझे न तुम भुलाना , मुझे आसरा तुम्हारा 

क्यों बेटे पर तुम्हारी , नज़रे कर्म नही है 
सारी ये दुनिया माता , वैरी मेरी बनी है 
मेरी लाज को बचाओ , मै बच्चा हूँ तुम्हारा 

मेरे आंसुओ का तुम पर , कोई असर नही है 
कैसे सुनाऊँ तुमको , विपदा जो आ पड़ी है 
मंझधार में फंसा हूँ , सूझे नही किनारा 


माता की भेंट - 82



पार करो मेरा बेडा  भवानी पार करो मेरा बेडा

मोहमाया के बंधन काटो ,
चौरासी का घेरा

मन की मुरादें पूरी करदो
मुझे आसरा तेरा

नैया मेरी पार लगाओ 
बीच भंवर में बेडा 

अंधकार में जी घबराये 
करदो आज सवेरा 

खाली दर से लौट न जाएं 
दिल में करो बसेरा 


माता की भेंट - 81



तू मेरी माता मै लाल तेरा , मै मैया लाल तेरा 
आज मैया तू करना सबपे मेहर ,
करो न देर 

मैया तेरी जोत नूरानी , आके सुनलो मेरी कहानी 
मुझको मैया भवन बुला ले , आके मेरी आस पुजा दे 
मुझपे गमो का छाया अँधेरा 

आ जाओ अब मात भवानी , लाज बचाओ ओ महारानी 
मुझको मैया चरणी लगाले , मेरी बिगड़ी बात बनादे 
बीती है रात अब आया सवेरा 

जागे की ये रात सुहानी , अब तो आजा ओ महारानी 
दर्शन मांगे तेरा सवाली , अब तो आजा शेरा वाली 
दास कहे दुःख हरले माँ मेरा 

माता की भेंट - 80



सुन मैया सुन मेरी विनती को सुन , 
हमसे जो भूल हुई माफ़ करो तुम 


दूर करो सारे भरम लाल पे करदो करम 
बिगड़ी बनादो मेरी मिट जाये मन का भरम 
तेरे द्वारे आऊंगा शीश झुकाऊँगा 
शीश झुकाके तेरी महिमा मै गाऊंगा 
दर्श दिखादे मेरा तरसे है मन 


मै गुनहगार मैया बिगड़ी संवार दे 
दर पे खड़ा हूँ तेरे थोड़ा मुझे प्यार दो 
तेरे द्वारे आऊंगा जोत जलाउंगा 
जोत जलाके मैया गुण तेरे गाऊँगा 
मुझको लगी है तेरे नाम की लग्न 


माता की भेंट - 79



दर पे बुला , सुन ले सदा 
मेरे नैना दीवाने तरसे माँ 

बरसो से तूने मेरी आस न पुजाई 
अर्ज सुनो मेरी अम्बे महामाई 
हमपे मेहर की नज़रे करदो माँ 

भक्ति करू मै तेरी बन माँ सहाई 
एक बार दर पे बुला ले महामाई 
मुझको एक इशारा करदे माँ 

रो रो के मेरी मैया आँख भर आई 
तूने करी  न अम्बे मेरी सुनाई 
रहम अपने बच्चो पे करदे माँ 

माता की भेंट - 78



चली चली  रे भवानी मैया चली रे , होके शेर पे सवार ,
  लेके हाथ में कटार,  लेती राक्षसों के शीश की है बलि रे 

मैया जिस ओर शेर को भगाए , जिन्दा कोई भी न बचके जाये 
जो मुकाबले में आया , मानो उसका सफाया 
मौत  राक्षसो के सीस पर खली रे  चली चली  रे भवानी मैया चली रे

लाखो राक्षस है मैया जी अकेली,  होली पापियो के खून साथ खेली 
महिषासुर को सिधार , चड मुंड दिए मार 
रणभूमि तो हुई तरथली रे चली चली  रे भवानी मैया चली रे

अकबर था बड़ा अभिमानी , जिस जोतो पे गिराया नहर पानी 
तवे लोहे के जड़ाई , प्रकट हुई महामाई 
जोत आगे से भी बढ़कर जली रे चली चली  रे भवानी मैया चली रे



माता की भेंट - 77



करके शेर सवारी इक वारी आजा माँ , घर दुखिया दे फेरा इक वारी पा जा माँ 

तेरा विच पहाड़ा डेरा , मै लड़ फड़या माँ तेरा 
तुसी पार लगाओ बेडा ,  मै लड़ फड़या माँ तेरा 
पार लगा जा माँ , घर दुखिया दे फेरा इक वारी पा जा माँ 

माँ तू है शेरा वाली ,  तेरी जगदी जोत निराली 
तू मेहर करी मेरी माता ,  मेरी भरदे झोली खाली 
आस पुजा जा माँ , घर दुखिया दे फेरा इक वारी पा जा माँ 

विच थाल सामग्री सजाई ,  नाले प्रेम दी जोत जगाई 
मै बड़े प्रेम नाल माता,  तेरी जगदी जोत ल्याई 
दर्श दिखा जा माँ , घर दुखिया दे फेरा इक वारी पा जा माँ 

मंगलवार, 2 जून 2015

माता की भेंट - 76



नी तेरा वसदा रहे दरबार दर्शन दे दे माँ 
आई संगत तेरे द्वार दर्शन दे दे माँ 

चढ़ चढ़ उच्चे पर्वत माता संगत दूरो आई 
नाम तेरे दी सबने मैया दिल विच जोत जगाई 

सुआ चोला तेरे अंग विराजे मत्थे मुकुट सुहावे 
गुफा च वसन वालिये तेथो जग मुरादा पावे 

तू दाती जगजननी अम्बे सब ते मेहरा करदे 
दुध पुत कोई दौलत मंगे सबदिया झोलिया भरदे 

केहड़े वेले दे खड़े आनके दर ते भक्त निराशे 
इक वारि तेनु वेखण खातिर तरसन नैन प्यासे 

माता की भेंट - 75



दस जा ओ राही जान वाल्या ,  मैया दा द्वारा सानू दस जा 
दस जा ओ पंथ किनी दूर है , भवन न्यारा सानू दस जा 

मैया दे द्वारे दी ऐ होइ निशानी ऐ 
उत्थे जगमग जग रही ऐ इक जोत नूरानी ऐ 

ऐ उच्चे पर्वत ते मैया दा द्वारा ऐ 
माँ शेरा वाली दा भक्ता नू सहारा ऐ 

निश्चा कर आवे जो न जाँदा खाली ऐ 
माँ दुर्गा शक्ति दा सारा जगत सवाली ऐ