Meena's Diary
यह ब्लॉग खोजें
मंगलवार, 17 नवंबर 2015
दिल तेरा हो गया
सपनों का जहाँ अब सो गया
मेरी दुनिया में अँधेरा हो गया
अब शाम की तन्हाईयाँ भी चुभने लगी
इक अगन अनबुझी सी सुलगने लगी
देखा तुझे तो लगता है सवेरा हो गया
सिमटने लगे तारागण टिमटिमाते हुए
मन में नगमों को गुनगुनाते हुए
मेरा दिल काबू में तेरे हो गया
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
मोबाइल वर्शन देखें
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें