Meena's Diary
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बुधवार, 30 दिसंबर 2015
आई रजनी
आई रजनी करने विहार
छाई रजनी आँचल पसार
तारक रत्नों से सजकर
नव शशि किरणों की पहन माल
सुर परियों का कर श्रृंगार
पहना चन्द्र का मुकुट भाल
लेकर आई सुषमा अपार
छाई रजनी आँचल पसार
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