चिलमन से न तुम ऐसे झाँको
जो कौंध के बिजली गिर जाए
बेताबिए दिल का ख्याल करो
दो पल ही सुकूँ बस मिल जाए
जज़्बात जुबां पर गर आएँ
डर हमको है रुसवाई का
हर अश्क बहे जो आँखों से
खुद एक फ़साना बन जाए
हर तूफ़ां से टकराया हूँ
है सैलाबों से प्यार मुझे
या रब मैंने कब चाहा है
कि सामने साहिल आ जाए
@मीना गुलियानी
जो कौंध के बिजली गिर जाए
बेताबिए दिल का ख्याल करो
दो पल ही सुकूँ बस मिल जाए
जज़्बात जुबां पर गर आएँ
डर हमको है रुसवाई का
हर अश्क बहे जो आँखों से
खुद एक फ़साना बन जाए
हर तूफ़ां से टकराया हूँ
है सैलाबों से प्यार मुझे
या रब मैंने कब चाहा है
कि सामने साहिल आ जाए
@मीना गुलियानी
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